Shrikant Tyagi Issue : नोएडा की ग्रैंड ओमेक्स हाउसिंग सोसायटी से जुड़ा विवाद पिछले 2 हफ्ते से सुर्खियों में बना हुआ है। श्रीकांत त्यागी के जेल जाने के बाद इस मामले ने नया मोड़ ले लिया। श्रीकांत की पत्नी और परिवार के पक्ष में त्यागी समाज ने महापंचायत का ऐलान किया था, जो रविवार को नोएडा के गेझा गांव में हुई। इस महापंचायत की एक खासियत रही है। बिना नेता और निशान के हुई इस ऐतिहासिक पंचायत में जोश से भरपूर जनसैलाब उमड़ा। त्यागी-त्यागी के नारों से सड़कें गूंजती रहीं। अनुमान से भी ज्यादा लोगों ने महापंचायत में हिस्सा लिया है।
त्यागी समाज की अपील पर हुई महापंचायत
महापंचायत किसी नेता ने नहीं बुलाई थी। इसका कोई निशान नहीं था। नेतृत्व करने वाला भी कोई नहीं था। इसके बावजूद जनसैलाब उमड़ पड़ा। करीब 25-30 हजार लोगों ने महापंचायत में हिस्सा लिया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश ही नहीं, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान से भी त्यागी समाज के लोग इस महापंचायत में शरीक होने पहुंचे। जोश भरपूर था। नेता और नेतृत्व ना होने के कारण अनुशासन की कुछ कमी थी। मंच से लेकर पंडाल और सड़कों पर अनुशासन काफूर नजर आया, लेकिन कुल मिलाकर महापंचायत के शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो जाने के बाद गौतमबुद्ध नगर पुलिस, प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार ने राहत भरी सांस ली है।
लखनऊ-दिल्ली दिनभर टकटकी लगाए रहे
इस महापंचायत पर लखनऊ और दिल्ली भी नजर गड़ा कर बैठे थे। राज्य सरकार और उच्च पदस्थ प्रशासनिक अधिकारी दिनभर नोएडा से जुड़े घटनाक्रम पर टकटकी लगाए बैठे रहे। मुख्यमंत्री कार्यालय, पुलिस महानिदेशालय और इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट पल-पल की सूचनाएं नोएडा से हासिल कर रहे थे। दूसरी ओर दिल्ली में केंद्र सरकार व भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेता इस महापंचायत से जुड़ी जानकारियां अपने-अपने जरिए हासिल करते रहे। गौतमबुद्ध नगर की सड़कों पर शनिवार रात से ही त्यागी समाज के लोगों का आवागमन दिखने लगा था। हालात संभालने के लिए गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह, मेरठ मंडल के मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह और गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई पूरी तरह सक्रिय रहे। सुहास एलवाई ज्ञापन लेने पंचायत स्थल पर पहुंचे।
संदेश देने में कामयाब हो गया त्यागी समाज
दूसरी ओर सांसद डॉ.महेश शर्मा के समर्थकों ने भी कमान संभाल रखी थी। इस पंचायत को राजनीतिक जनजमाव साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। सोशल मीडिया पर जमकर लिखा गया कि यह विपक्ष की साजिश है। इस महापंचायत में त्यागी समाज नहीं राष्ट्रीय लोकदल, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेता गठजोड़ करके इकट्ठे हो रहे हैं। इस सबके बावजूद त्यागी समाज ने पुरजोर तरीके से अपना पक्ष रखा। हर वक्त साफतौर पर कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ नहीं हैं। उनका योगी आदित्यनाथ सरकार से किसी भी तरह का विरोध नहीं है। त्यागी समाज केवल गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ.महेश शर्मा का विरोध करने आया है। इतना ही नहीं शनिवार को पंचायत की योजना बनाते वक्त साफ कर दिया गया था कि कोई भी वक्ता अपना राजनीतिक परिचय नहीं देगा। वह चाहे किसी भी पार्टी से ताल्लुक रखता हो। भारतीय जनता पार्टी और योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ एक लफ्ज नहीं बोलेगा। यह सब कुछ देखने के लिए भी मिला। किसी वक्ता ने योगी आदित्यनाथ सरकार और भाजपा के खिलाफ कुछ नहीं बोला है।
हर वक्ता के निशाने पर रहे केवल सांसद
महापंचायत सुबह 10:00 बजे शुरू हुई और शाम करीब 4:00 बजे तक चली। इन 6 घंटों में 100 से ज्यादा लोगों ने अपनी बात रखीं। बोलने वालों में महिलाएं, युवा और बुजुर्ग शामिल रहे। खास बात यह रही कि हर वक्ता ने गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ.महेश शर्मा पर जमकर हमला बोला है। डॉ.महेश शर्मा पर षड्यंत्र रचने, त्यागी समाज को अपमानित करने, सरकारी संपत्तियों पर अतिक्रमण करने, सड़कों के नीचे टनल बनाने, सांसद की संपत्ति की जांच करने, बलात्कार करने वाले लोगों को संरक्षण देने, श्रीकांत शर्मा के खिलाफ षडयंत्र रचने, श्रीकांत के परिवार को पुलिस से प्रताड़ित करवाने और छोटे से आपसी विवाद को बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। बड़ी बात यह कि खुद श्रीकांत त्यागी की पत्नी ने महापंचायत को संबोधित किया और सांसद डॉ.महेश शर्मा पर षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है। कुल मिलाकर त्यागी समाज अपना संदेश देने में पूरी तरह कामयाब रहा है।