Supertech Emerald Court Case : नोएडा के सेक्टर-93ए में सुपरटेक बिल्डर के एमरॉल्ड कोर्ट केस में योगी आदित्यनाथ ने जांच करने के आदेश दिए है। इस पर उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान के अध्यक्ष नवाब सिंह नागर ने कहा कि "भाजपा सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है, योगी आदित्यनाथ की सरकार में भ्रष्टाचार नहीं सहा जाएगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का अनुपालन करते हुए नोएडा में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के अवैध ट्विन टॉवर को गिराया जाएगा।"
भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारीयों पर होगी सख्त कार्रवाई
नवाब सिंह नागर ने कहा कि "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्कालीन बसपा-सपा सरकार में हुए सुपरटेक घोटाले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त करवाई कर रहे है। सुपरटेक और अधिकारियों की मिलीभगत की जांच के लिए योगी सरकार ने एक टीम का गठन किया। जो एक सप्ताह के भीतर जांच की पूरी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी।"
7 दिनों में योगी आदित्यनाथ को पहुंचेगी पूरी रिपोर्ट
आपको बता दें कि नोएडा के सेक्टर-93ए में सुपरटेक बिल्डर के एमरॉल्ड कोर्ट केस में जांच करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार की देर शाम को बड़ा फैसला लिया है। यूपी के औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव मित्तल की अगुवाई में एक हाईपावर कमेटी का गठन किया है। यह 4 सदस्यीय कमेटी पूरे मामले की जांच करेगी। कमेटी का मुख्य मकसद बिल्डर और प्राधिकरण अधिकारियों की मिलीभगत का पता लगाना होगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद राज्य सरकार इस मामले को लेकर सख्त हो गई है। इससे पहले गुरुवार की सुबह नोएडा अथॉरिटी के प्लानिंग मैनेजर मुकेश गोयल को सस्पेंड किया जा चुका है।
यह सदस्य टीम में शामिल
सुपरटेक मामले में एसआईटी गठित की गई है। यूपी के औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव मित्तल की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया है। एसआईटी में ग्राम विकास एवं पंचायत राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को सदस्य नियुक्त किया गया है मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक राजीव सब्बरवाल और यूपी के मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजन अनूप कुमार श्रीवास्तव एसआईटी में सदस्य नियुक्त किए गए हैं
मैनेजर मुकेश गोयल सस्पेंड
इस मामले में प्लानिंग डिपार्टमेंट के मैनेजर मुकेश गोयल पर गंभीर आरोप लगे हैं। मैनेजर पर सबसे बड़ा आरोप यह है कि सुपरटेक ट्विन्स टावर से जुड़े मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही थी। इस बारे में मुकेश गोयल को पूरी जानकारी थी। उन्होंने सही वक्त पर सही जानकारी नोएडा अथॉरिटी के उच्चाधिकारियों को उपलब्ध नहीं करवाई। जिसकी वजह से अथॉरिटी सही ढंग से अपनी बात सुप्रीम कोर्ट के सामने नहीं रख सकी। जिसका नुकसान यह हुआ कि सुप्रीम कोर्ट ने अथॉरिटी के खिलाफ तीखी टिप्पणियां कीं। नोएडा प्राधिकरण की छवि खराब हुई। यह रिपोर्ट मिलने के बाद सीईओ ऋतु महेश्वरी ने मुकेश गोयल के खिलाफ सस्पेंशन की कार्रवाई करने की सिफारिश राज्य सरकार से की थी। अब औद्योगिक विकास विभाग ने मुकेश गोयल को सस्पेंड कर दिया है।