Noida News : नोएडा के सेक्टर-151ए में हेलीपोर्ट बनाने की योजना लंबे समय से फाइलों में घूम रही है, लेकिन अब तक इसका सही मूर्त नहीं आ पाया है। इस बीच नोएडा प्राधिकरण ने हेलीकॉप्टर प्रोजेक्ट को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है। प्राधिकरण का दावा है कि वर्तमान में चल रहे प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद प्रस्तावित हेलीपैड को गति की जाएगी। क्योंकि, यह न केवल शहर की कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, बल्कि आपातकालीन सेवाओं और व्यावसायिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।
गोल्फ कोर्स के बाद खुलेगी फाइल
नोएडा प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 43.12 करोड़ रुपये है। यह सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर आधारित है, जिसमें निर्माण करने वाली एजेंसी को 30 वर्षों के लिए हेलीपोर्ट के संचालन का अधिकार दिया जाएगा। हालांकि हेलीपैड प्रोजेक्ट अभी होल्ड पर है। उनका कहना है कि वर्तमान में इस स्थान पर एक अंतरराष्ट्रीय गोल्फ कोर्स का निर्माण चल रहा है। गोल्फ कोर्स का निर्माण पूरा होने के बाद ही हेलीपोर्ट प्रोजेक्ट की फाइल पर आगे काम किया जाएगा।
2020 में आया था प्रोजेक्ट
यह हेलीपोर्ट प्रोजेक्ट पिछले कुछ वर्षों से चर्चा में रहा है। प्राधिकरण ने 2020 में इसका प्रारूप तैयार किया था और 2021में इस पर विस्तृत चर्चा शुरू हुई थी। इसके बाद दो वैश्विक निविदाएं आमंत्रित की गईं, लेकिन दोनों असफल रहीं। एक माह पूर्व में प्राधिकरण ने नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड से भी इस संबंध में सुझाव मांगे थे। अगर यह परियोजना सफलतापूर्वक पूरी होती है, तो यह नोएडा के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।
हेलीकॉप्टरों की मरम्मत की होगी सुविधा
प्रस्तावित हेलीपोर्ट 9.35 एकड़ क्षेत्र में फैला होगा और इसमें एक साथ 6 हेलीकॉप्टरों के खड़े होने की क्षमता होगी। यहां हेलीकॉप्टरों की मरम्मत की सुविधा भी उपलब्ध होगी। इसके अलावा, एयर एंबुलेंस और निजी हेलीकॉप्टरों के उतरने की व्यवस्था भी की जाएगी।प्रोजेक्ट में 500 वर्ग मीटर का एक टर्मिनल भवन भी शामिल है, जो एक समय में 20 आने वाले और 20 जाने वाले यात्रियों को संभाल सकेगा। भूमि का चिह्नीकरण पहले ही किया जा चुका है।
दोनों एयरपोर्ट को जोड़ेगा हेलीपोर्ट
इस परियोजना का उद्देश्य नोएडा-ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में वाणिज्यिक हेलीकॉप्टर कनेक्टिविटी स्थापित करना है। हवाई मुसाफिरों की सुविधा के लिए इस हेलीपोर्ट को नोएडा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट और दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से जोड़ा जाएगा। सैलानी यहां से मथुरा, आगरा, जयपुर और देहरादून के लिए उड़ानें ले सकेंगे। 12 नवंबर को अथॉरिटी के बोर्ड ने हेलीपोर्ट प्रोजेक्ट के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल को मंजूरी दी थी।
इन शहरों से इतनी होगी दूरी
विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के अनुसार हेलीपोर्ट ग्रेटर नोएडा से 10 किलोमीटर दूर, नई दिल्ली हवाई अड्डे से 50 किलोमीटर और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 47 किलोमीटर की दूरी पर बनेगा। यमुना एक्सप्रेसवे से दूरी 7 किलोमीटर, नोएडा शहर से 17, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर होगा। यह हेलीपोर्ट नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो लाइन के सेक्टर-147 स्टेशन से केवल 3 किलोमीटर दूर है।