Noida Breaking: ब्लैक फंगस और कोविड के इंजेक्शनों की कालाबाजारी करने वाले दो गिरफ्तार, नामी अस्पताल का सुपरवाईजर भी शामिल

नोएडा | 4 साल पहले |

Tricity Today | दो गिरफ्तार



नोएडा थाना सेक्टर-58 पुलिस ने अपोलो फार्मेसी में सुपरवाईजर के द्वारा ब्लैक फंगस की बीमारी मे काम आने वाले इंजेक्शन की काला बाजारी करने वाले दो आरोपी अनुराग कुमार और अंकित भट्ट को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनको नोएडा के फोर्टिस अस्पताल के पास सेक्टर-62 नोएडा से गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से 02 इंजेक्शन AMPHOTERICIN (ब्लैक फंगस की बीमारी में काम आने वाली दवा) बरामद किए है। 

कोरोना और ब्लैक फंगस के मरीजों के परिजनों को बेचते थे इंजेक्शन
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह ब्लैक फंगस और कोविड-19 के उपचार में काम आने वाले इंजेक्शन रेमडेसीवर और AMPHOTERICIN B Imulision 50 Mg/10 ML को ब्लैक में बेचते थे। यह लोग अस्पताल में आने-जाने वाले लोगों से संपर्क करके कोरोना संक्रमित और ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों को मंहगे दामों में इंजेक्शन बेच देते थे। आरोपियों ने बताया कि पहले सैम्पल के तौर पर एक या दो इंजेक्शन दिखाते और दे देते है। बाद में सौदा होने पर सारे इंजेक्शन मुंह मांगी कीमत वसूलते थे।

अपोलो अस्पताल सुपरवाईजर भी शामिल
एक आरोपी ने बताया कि रविवार को भी इंजेक्शन का सैम्पल लेकर फोर्टिस फार्मेसी के पास आए है। जिन इंजेक्शनों को हम ब्लैक फंगस बीमारी से पीड़ित मरीजों के परिजनों को अस्पताल के आस-पास सैम्पल दिखाकर मुंह मांगी कीमत पर बेचते है। पीड़ित परिवार अपनों की जान बचाने के लिए मुंह मांगी कीमत में इंजेक्शन को खरीद लेता है। यह सभी इंजेक्शन अपोलो फार्मेसी में सुपरवाईजर के पद पर तैनात अनुराग फार्मेसियों और अन्य माध्यम से कम कीमत पर खरीदकर लाता है। जिसके बाद अनुराग और अंकित इंजेक्शनों को ब्लैक में बेचकर गलत तरीके से आए पैसों को आपस में बांट लेते थे। पुलिस ने बताया कि बरामद इंजेक्शन की कीमत 2000 रूपये से लेकर 3500 रूपये तक है। लेकिन यह आरोपी इंजेक्शनों को 15,000 हजार से लेकर 20,000 रूपये या इससे ज्यादा रूपये में बेचते थे।

 

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