बड़ी खबर : इन शर्तों पर शांत हुए नोएडा के प्रदर्शनकारी किसान, कहा- अगर 15 नवंबर तक मांगें पूरी नहीं हुईं, तो

नोएडा | 3 साल पहले | Shilpi Bhatnagar

Tricity Today | इन शर्तों पर शांत हुए नोएडा के प्रदर्शनकारी किसान



Noida News : नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ मंगलवार को उग्र प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन ने अपना आंदोलन रोक दिया है। मंगलवार को प्राधिकरण और किसानों के बीच इसको लेकर सहमति बनी थी। किसानों ने मांग की थी कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र में आने वाले गांवों के बेरोजगार युवाओं को निजी कंपनियों में रोजगार उपलब्ध कराया जाए। नोएडा प्राधिकरण ने भाकियू (अराजनीतिक) पदाधिकारियों को आश्वासन दिया है कि 11 व 12 नवंबर को अथॉरिटी रोजगार मेले का आयोजन करेगी। 

इसमें नोएडा में संचालित निजी कंपनियां शामिल होंगी। योग्यता के अनुसार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। प्रदर्शनकारी किसानों ने चार गांवों की आबादी निस्तारण करने के लिए जल्द से जल्द नियमितिकरण कराने की मांग नोएडा प्राधिकरण के सामने रखी। इस पर प्राधिकरण अधिकारियों ने सहमति दे दी है। अफसरों ने कहा कि आप चार गांव के नाम दें। हम चार गांव के नाम लेकर बैठेंगे। जहां सहमति के बाद विनियमितिकरण का सर्वे शुरू होगा। किसानों ने एक गांव याकूबपुर सुझाया है। लेकिन अभी इस पर फैसला नहीं हो सका है। 

बुधवार को कार्यालय पर गांव के सर्वे के लिए चार गांव के नाम पर अंतिम मुहर लगेगी। इन्हीं मांगों के साथ मंगलवार की मध्य रात्रि में किसानों ने नोएडा प्राधिकरण कार्यालय से अपना धरना हटा लिया और घर वापस लौट गए। बताते चलें कि भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) ने नोएडा प्राधिकरण पर सोमवार को धरना दिया था। इसके बाद 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ देर रात तक प्राधिकरण कार्यालय में बैठक चली। मगर कोई सहमति नहीं बन सकी। 

उसके बाद किसानों ने वार्ता विफल बता कर कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया। मध्य रात्रि में पुलिस-प्रशासन फिर से सक्रिय हुआ। उन्होंने किसानों और प्राधिकरण के अधिकारियों के बीच बातचीत कराई। इसमें कुछ मुद्दों पर सहमति बन गई। रात करीब डेढ़ बजे प्राधिकरण कार्यालय के बाहर जगह को खाली करा लिया गया। लेकिन जाते-जाते किसानों ने तीनों प्राधिकरण को चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि यदि 15 नवंबर तक मांगों को पूरा नहीं किया गया तो दोबारा से प्राधिकरण का घेराव होगा। इस बार आंदोलन ज्यादा उग्र होगा।

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