कोरोना काल के दौरान नौकरी छूट गई तो एक युवक जीवन रक्षक दवाओं के नाम पर ठगी करने लगा। पीड़ित की शिकायत पर कोतवाली सेक्टर-49 पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। शिवम वर्मा आंध्र प्रदेश की एक कंपनी में नौकरी करता था। कोरोना काल के दौरान उसकी नौकरी छूट जाने के बाद वह वापस अपने गृह जनपद बुलंदशहर आ गया और यहां आशीष कुमार राघव के पास ड्राइवर की नौकरी करने लगा।
संबंधों का फायदा उठाने की कोशिश
आशीष की कई मेडिकल स्टोर और मेडिकल फर्म से जुड़े लोगों से अच्छी जान पहचान थी। इसका फायदा उठाते हुए आशीष ने अपने ड्राइवर शिवम के साथ मिलकर जीवन रक्षक दवाइयों को देने के नाम पर ठगने की स्कीम तैयार की।
ऐसे करते थे ठगी
शिवम ने पुलिस को बताया कि उसने अपने मालिक आशीष का मोबाइल नंबर कई लोगों को दे दिया। उसने सबसे कहा की ब्लैक फंगस के इलाज़ में इस्तेमाल होने वाला इंजेक्शन वह उपलब्ध करवा सकता है। इस दौरान नोएडा के सेक्टर 71 निवासी रेशपाल के भाई को ब्लैक फंगस हो गया। उसके इलाज़ के लिए उन्होंने आशीष और शिवम से संपर्क किया। इन लोगों ने उससे 30 हज़ार रुपये पेटीएम से अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए और इंजेक्शन भी नहीं दिया।
पीड़ित की शिकायत पर पहुंचा हवालात
पीड़ित रेशपाल द्वारा अपना पैसा वापस मांगने पर आरोपियों ने पैसे वापस नहीं किये। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने शिवम वर्मा निवासी बुलंदशहर को गिरफ्तार कर लिया। कोतवाली सेक्टर-49 प्रभारी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी आशीष राघव को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। साथ ही आरोपी से पूछताछ कर यह भी जांच की जा रही है यह लोग कुल कितने लोगों से ऐसी ठगी कर चुके हैं।