Noida News : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद् (CBSE Board) ने शुक्रवार को 12वीं और 10वीं बोर्ड के नतीजे जारी कर दिए गए हैं। जहां 12वीं में स्मित कौर ने 99% अंक हासिल करके पूरे गौतमबुद्ध नगर जिले में बाजी मारी है तो वहीं 10वीं क्लास में रचित जैन पूरे जिले में पहले स्थान पर आए हैं। उन्होंने 99.8 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। अर्जुन सामी और शिरीन बिंदु क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। शिरीन बिंदु आईएएस बनना चाहती हैं।
केवल दो घंटे की फोकस्ड स्टडी जरूरी : रचित जैन
दसवीं कक्षा के टॉपर रचित जैन नोएडा के एमिटी इंटरनेशनल स्कूल के छात्र हैं। रचित ने 500 अंकों में से 499 अंक हासिल किए हैं। मतलब, वह 99.8 प्रतिशत अंकों के साथ गौतमबुद्ध नगर में टॉप पर हैं। उनका कहना है, "दो घंटे की फोकस स्टडी जरूरी है। वह बिना किसी दबाव के पढ़ाई करते हैं और खेलते भी हैं। जिससे माइंड रिलैक्स रहता है।"
नोएडा जोन का परिणाम 80.36 प्रतिशत
नोएडा में सीबीएसई के कुल 219 स्कूलों हैं। इनमें 18,476 बच्चों ने 12वीं की परीक्षा दी थी। इसमें से 10,815 लड़के और 7,661 लड़कियां हैं। इस बार 16,134 स्टूडेंट पास हुए हैं। नोएडा जोन का परिणाम 80.36 प्रतिशत रहा है। वहीं, 10वीं में कुल 24,224 स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी थी। इसमें 14,138 बालक और 10,086 बालिकाएं शामिल हुईं। अधिकांश स्कूलों का परिणाम शत-प्रतिशत रहा है। रिजल्ट के आते ही बच्चों में खुशी की लहर दौड़ गई। दसवीं में दूसरे नंबर पर अर्जुन सामी
नोएडा के कैंब्रिज स्कूल के छात्र अर्जुन सामी ने 500 अंकों में से 496 अंक प्राप्त किले हैं। उनको 99.20 प्रतिशत अंक मिले हैं और वह दूसरे स्थान पर हैं। अर्जुन सामी को अंग्रेजी में 99, फिजिक्स में 99, केमिस्ट्री में 98, मैथ्स और इनफॉर्मेटिक प्रैक्टिस में 100-100 अंक मिले हैं।
शिरीन बिंदु को 4 सब्जेक्ट में 100-100 अंक
विश्व भारती स्कूल की टॉपर शिरीन बिंदु को 99% अंक मिले हैं। वह शहर में तीसरे स्थान पर हैं। शिरीन को 4 सब्जेक्ट में 100-100 और एक सब्जेक्ट में 95 अंक मिले हैं। शिरीन आईएएस की तैयारियों में लगी हैं। उनका कहना है कि ज्ञान जरूरी है। बिना प्रेसर के पढ़ाई करनी चाहिए।
बारहवीं की टॉपर हैं स्मित कौर
नोएडा की समरविल स्कूल की 12वीं की छात्रा स्मित कौर ने हिस्ट्री, ज्योग्राफी, पॉलीटिकल साइंस में शत प्रतिशत अंक हासिल बाजी मारी. उन्होंने साइकोलॉजी में 98% और इंग्लिश में 99% अंक प्राप्त किए हैं. अपनी इस कामयाबी का श्रेय वे अपने टीचरों और परिवार वालों को देती हैं जिनकी मदद से उन्हें यह कामयाबी हासिल हुई।