UP Election Result 2022 : योगी ने तोड़ दिए कई रिकॉर्ड, नोएडा से जुड़ा दशकों पुराने तिलिस्म और मिथक टूटे

Google Image | Yogi Adityanath



Uttar Pradesh Counting Updates : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह चुनाव जीतकर कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। उत्तर प्रदेश में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनने जा रही है। एक ओर भाजपा को प्रचंड बहुमत मिल रहा है तो दूसरी ओर गोरखपुर सदर सीट से योगी आदित्यनाथ बड़े अंतर से जीत रहे हैं। यह चुनाव जीतते ही भाजपा और योगी आदित्यनाथ कई रिकॉर्ड तोड़ देंगे। इतना ही नहीं कई मिथ्य और रूढ़ियों का खंडन कर देंगे।

72 वर्षों में सीएम ने चुनाव नहीं जीता, जीता तो कुर्सी नहीं मिली
उत्‍तर प्रदेश में एक बार फिर बीजेपी की सरकार बन रही है। इसका मतलब है कि योगी आदित्यनाथ फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे। अगर ऐसा हुआ तो यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इतिहास रचेंगे। दरअसल, साल 1950 में उत्तर प्रदेश में पहली बार चुनाव हुए थे। तब से लेकर अब तक राज्य में कोई लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री नहीं बना है। जिसने अपना पहला 5 साल का कार्यकाल पूरा किया हो और वह दोबारा चुनकर आया हो। यूपी की राजनीति का यह बड़ा रोचक पहलू है कि अगर किसी पार्टी की सत्ता रिपीट हुई तो उसने अपने पिछले सीएम को मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं दी है।

कांग्रेस की सरकार तो आईं लेकिन सीएम बदलते गए
वर्ष 1950 से 1967 तक राज्य में कांग्रेस की सरकार रही हैं। गोविंद वल्लभ पंत से शुरू हुई कुर्सी की इस अजीब कहानी में चंद्रभानु गुप्ता तक पहुंचते-पहुंचते तीन सीएम बदल गए थे। यानी 1950 से 1967 तक कांग्रेस की सरकार तो आती रहीं लेकिन हर बार मुख्यमंत्री बदलते रहे। इसके बाद 1980 से 1989 तक फिर कांग्रेस की सरकार यूपी में रहीं लेकिन इन 9 सालों में कांग्रेस ने 5 मुख्यमंत्री बदल डाले।

नोएडा से जुड़ा मिथक भी टूट गया
नोएडा को लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा मिथक रहा। कहते हैं, जिसने सीएम रहते नोएडा का दौरा किया, उसकी सरकार नहीं बची या कुर्सी छीन गई। यह मिथक दशकों से चला आ रहा था लेकिन योगी आदित्यनाथ ने इस मिथक को तोड़ दिया है। इस मिथक की शुरुआत वर्ष 1988 से हुई थी। उस वक्त वीर बहादुर सिंह यूपी के सीएम थे। वह नोएडा के दौरे पर आए थे। इसके बाद अगली बार उनकी सरकार नहीं बनी। फिर एनडी तिवारी ने 1989 में नोएडा के सेक्टर-12 में नेहरू पार्क और युवा केंद्र का उद्घाटन किया। कुछ दिन बाद उनकी कुर्सी चली गई। इसके बाद कल्याण सिंह और मुलायम सिंह के साथ ऐसा हुआ। गौतमबुद्ध नगर मायावती का गृह जनपद है। वह सीएम रहते जिले में विकास योजनाओं का जायजा लेने आई थीं। उनकी भी सरकार दोबारा नहीं बन पाई। वह सपा के सामने चुनाव हर गई थीं। यही वजह रही कि अखिलेश यादव सीएम रहते कभी नोएडा नहीं आए थे।

तीन दशक से किसी सरकार की वापसी नहीं
यूपी में बीते तीन दशकों से किसी सरकार की वापसी नहीं हुई है। पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले सीएम भी वापसी नहीं कर पाए हैं। कल्याण सिंह, मायावती, राजनाथ सिंह, मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव पांच-पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद यूपी की जनता से दोबारा जनादेश हासिल करने में नाकामयाब हुए हैं। भाजपा की यह योगी आदित्यनाथ सरकार बीते तीन दशकों में दोबारा सत्ता में वापसी करने वाली सरकार होगी। इसके अलावा यूपी चुनाव के इतिहास में 37 वर्षों से कोई मुख्यमंत्री दोबारा चुनाव जीतकर नहीं आया है। 1985 के बाद से यूपी में कोई मुख्यमंत्री दोबारा चुनाव जीतकर लखनऊ में अपनी सरकार नहीं बना पाया है। हालांकि, उससे पहले यह कारनामा एनडी तिवारी ने किया था।

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