मेरठ में होगी देश की ऐतिहासिक रेस : 1 किलो मिठाई के लिए उड़ान भरेंगे 542 कबूतर, पंजाब और मद्रास के बीच होगा मुकाबला

यूपी-वेस्ट | 6 महीना पहले | Jyoti Karki

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Meerut News : आपने लाखों रुपयों के पुरस्कार के लिए रेस होती हुई अक्सर सुनीं और देखी होगी। किन्तु क्या कभी आपने सुना है कि मात्र एक किलो मिठाई के लिए कोई रेस हुई हो। अगर नहीं तो आपकी जिज्ञासाओं को यह खबर शांत कर देगी। क्योंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में होने वाली यह रेस देश की सबसे बड़ी और अनोखी होगी जिसमें 542 कबूतर सिर्फ 1 किलो मिठाई जीतने के लिए एक साथ उड़ान भरेंगे। इस दिलचस्प मुकाबला दिल्ली और मेरठ के दो बड़े कबूतरबाजों के बीच होगा। 20 नवंबर को होने वाली भिड़ंत मेरठ समेत पूरे वेस्ट यूपी में चर्चा का विषय बनी हुई है। 
रेस पर अब तक लाखों खर्च
20 नवंबर को होने वाली इस अनोखी प्रतियोगिता में शाहपीर गेट के इमलियान इलाके के रहने वाले खलीफा हाजी राशिद और दिल्ली जांहगीरपुरी के नीटा उस्ताद के बीच कबूतरबाजी का मुकाबला होगा। बताया जा रहा है कि अब तक लाखों रुपए कबूतरों की डाइट पर खर्च हो चुके हैं। दोनों कबूतरबाजों के शागिर्द रात दिन तैयारियों में जुटे है। इस उड़ान को लेकर कबूतरों को बादाम, पिस्ता, मुनक्के, खमिरे और जड़ी बूटियों की डाइट दी जा रही है। पिछले 6 महीने से इस उड़ान की तैयारी की जा रही है। 

पंजाबी और मद्रासी नस्ल के 542 कबूतर एक साथ भरेंगे उड़ान 
दावा किया जा रहा है कि मद्रासी और पंजाबी नस्ल के 271-271 कबूतरों की ये अब तक की देश की सबसे बड़ी उड़ान है। इसके लिए दिल्ली से 10 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल मेरठ आएगा और मेरठ से भी 10 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल दिल्ली जाएगा। सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में ये उड़ान होगी। दोनों ही कबूतरबाज अपनी अपनी जीत का दावा कर रहें हैं। मेरठ के कबूतरबाज खलीफा हाजी राशिद उड़ान जीत जाते हैं तो दिल्ली से एक किलों मिठाई मेरठ आएगी। इसी तरह दिल्ली के नीटा उस्ताद जीत जाते हैं तो मेरठ की मशहूर मिठाई दिल्ली जाएगी। अब देखना यह होगा की कौन एक किलो मिठाई का हकदार बनता है।

ऐसे होगी विजेता टीम की घोषणा 
कबूतरबाजी की इस प्रतियोगिता में दोनों तरफ से 542 कबूतर उड़ान भरेंगे। मेरठ में खलीफा हाजी राशिद के घर की छत से 271 कबूतर और दिल्ली, जहांगीरपुरी के नीटा उस्ताद के यहां से भी 271 कबूतर उड़ेंगे। सोमवार को सुबह साढ़े छह से सात बजे तक कबूतर उड़ाए जाएंगे। इसके बाद पांच घंटे का बॉर्डर होगा। यानी जो कबूतर 12 बजे से पहले आसमान से उतरकर घर की छत पर बैठ जाएगा वो उड़ान से बाहर हो जाएगा। जो 12 कबूतर बजे के बाद वापस घर की छत पर बैठेगा उसके घंटे जोड़ दिए जाएंगे। किन्तु शाम सात बजे तक ही जो कबूतर घर की छत पर बैठेगा उसी के घंटे काउंट किए जाएंगे। शाम 7 बजे के बाद आने वाले कबूतर इस उड़ान से बाहर हो जाएंगे। सुबह सात बजे से उड़ान भरने वाले जो भी कबूतर शाम 7 बजे बजे तक घर वापस आएंगे उनकी उड़ान के घंटे जोड़कर विजेता का एलान किया जाएगा।

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