Chandigarh : कुछ सालों पूर्व जालंधर के कॉलेज की प्रिंसिपल रीता बावा और तीन अन्य लोगों की हत्या की खबर सुर्खियों में बनी हुई थी। पंजाब पुलिस प्रिंसिपल रीता बावा और तीन अन्य लोगों के हत्यारे को पकड़ने में नाकाम साबित हो चुकी है। पुलिस की इस नाकामयाबी पर पंजाब–हरियाणा हाईकोर्ट ने पुलिस प्रशासन को जमकर फटकार लगाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने पंजाब पुलिस को इस मामले को गंभीरता से लेने के लिए कहा है। रमनदीप, मोहम्मद कादुस और मोहम्मद रहमान ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए ट्रायल कोर्ट द्वारा सुनाई गई उम्रकैद की सजा के आदेश को चुनौती दी थी।
आरोपियों को पकड़ने में नाकाम पुलिस
दर्ज एफआईआर के अनुसार बीते 6 जनवरी 2008 को जालंधर के कन्या विश्वविद्यालय के प्रिंसिपल और तीन अन्य कर्मचारियों की हत्या करने की खबर सामने आई थी। कॉलेज के प्रिंसिपल और अन्य कर्मचारियों की कॉलेज परिसर में मौजूद सरकारी आवास में गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। हत्या के मामले में जिम्मेदार तीनों आरोपियों को ट्रायल कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट ने इस मामले में तीनों की सजा के आदेश को बरकरार रखते हुए आरोपियों के अपील को खारिज कर दिया।
हाईकोर्ट ने लगाई फटकार
आरोपियों की अपील को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने इस बात पर हैरानी जताई कि इस मामले में जिम्मेदार तीन अन्य आरोपी सचिन यादव, रामकुमार और गणेश स्वर्णकार अभी भी खुले घूम रहे हैं। पुलिस ने अभी तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया है। कोर्ट ने कहा कि नवंबर 2008 में जिन आरोपियों को भगोड़ा घोषित किया गया था, उन्हें पुलिस अभी तक पकड़ नहीं पाई है। हाईकोर्ट ने जालंधर के एसएसपी को आदेश दिया है कि पुलिस जल्द से जल्द तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर ट्रॉयल कोर्ट में पेश करें।