राष्ट्रपति ने शहर को दिए 5 नए प्रोजेक्ट, ऐसे और भी स्मार्ट बनेगी सपनों की सिटी

Chandigarh Smart City : राष्ट्रपति ने शहर को दिए 5 नए प्रोजेक्ट, ऐसे और भी स्मार्ट बनेगी सपनों की सिटी

राष्ट्रपति ने शहर को दिए 5 नए प्रोजेक्ट, ऐसे और भी स्मार्ट बनेगी सपनों की सिटी

Google Image | Chandigarh Smart City

Chandigarh : आने वाले वर्षों में चंडीगढ़ भारत के दूसरे शहरों के लिए मिसाल बनता दिखाई दे रहा है। भारत के राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने चंडीगढ़ शहर को 5 ऐसे नए प्रोजेक्ट दिए हैं, जो शहर की दशा और दिशा दोनों बदल देगा। राष्ट्रपति द्वारा दिए गए इन पांच प्रोजेक्ट्स का चंडीगढ़ को स्मार्ट सिटी बनाने में अहम योगदान होगा।

सबसे बड़ा सोलर पॉवर प्रोजेक्ट
राष्ट्रपति द्वारा चंडीगढ़ को दिए गए पांच प्रोजेक्ट्स में सबसे बड़ा सोलर पावर प्रोजेक्ट है। चंडीगढ़ देश के मॉडल सोलर सिटी के तौर पर उभर रहा है और साथ ही दूसरे शहरों को भी प्रेरित कर रहा है। पिछले वर्षों को ध्यान दें तो अभी तक चंडीगढ़ में सबसे बड़ा पावर प्रोजेक्ट मात्र 1 मेगावाट का ही था, लेकिन राष्ट्रपति द्वारा सौंपे गए पांच प्रोजेक्ट्स में से एक प्रोजेक्ट सबसे बड़ा पावर प्रोजेक्ट है। यह सेक्टर–39 वाटर वर्क्स में लगने जा रहा है। इस और कई अन्य प्रोजेक्ट के सहारे चंडीगढ़ अगस्त 2023 तक 75 मेगा वाट का लक्ष्य हासिल करेगा।

जीएमसीएच का गंदा पानी होगा साफ
राष्ट्रपति द्वारा सौंपे गए पांच प्रोजेक्ट में अगले प्रोजेक्ट के अनुसार जीएमसीएच–32 में एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा। चंडीगढ़ में इस प्रॉजेक्ट की लंबे समय से मांग की जा रही थी। इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास भी राष्ट्रपति ने ही किया है। इसमें ईटीपी से मेडिकल कॉलेज के दूषित जल को शुद्ध करने की प्रक्रिया होती है। इसके लिए अलग-अलग प्रक्रिया से गुजर जाता है। यह शहर का पहला ऐसा प्रोजेक्ट होगा। इसमें अस्पताल में गंदे पानी का उचित प्रबंधन हो सकेगा

बिजली चोरी का चलेगा पता
चंडीगढ़ को मिली पांच प्रोजेक्ट्स अगला प्रोजेक्ट है स्मार्ट ग्रिड प्रोजेक्ट। इस प्रोजेक्ट के तहत पूरे शहर में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। पायलट प्रोजेक्ट के तहत 28 करोड़ की लागत में 30 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। पूरे प्रोजेक्ट की लागत करीब 241 करोड रुपए है। नया इंफ्रास्ट्रक्चर होने के बाद लोगों को काफी हद तक बिजली कट से छुटकारा मिल जाएगा। यह सभी स्मार्ट मीटर सेक्टर–18 में बने स्काडा सिस्टम से जुड़े होंगे। स्काडा के कंट्रोल रूम में बैठा कर्मचारी किसी भी कंजूमर की खपत ज्यादा होने पर बिजली कट लगा देगा। साथ ही उसे मैसेज भी देगा। वहीं, इसमें लाइन टूटने या फॉल्ट का भी पता लगता रहेगा।

नहीं सूखेगी सुखना लेक
चंडीगढ़ की सुखना लेक के लिए भी एक अहम प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। सीवर वाटर रीयूज कर सुखना लेक में डालने के लिए किशनगढ़ में 20 करोड़ रुपए की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार किया गया है। इस प्लांट की क्षमता 2 एमएलडी होगी। यह प्लांट सुखना लेक की जरूरत पूरी करने के बाद आईटी पार्क के पार्कों, गोल्फ कोर्स की हरियाली को हरा–भरा रखने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। आने वाले 11 वर्षों तक कंपनी ही इस प्रोजेक्ट ऑपरेशन और मेंटेनेंस वर्क को देखेगी। उसके बाद इस कार्य को प्रशासन को हैंड ओवर कर दिया जाएगा।

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