उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने रविवार को तमाम सरकारी योजनाओं के नाम पर लोगों को झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड को कानपुर से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी नालंदा, बिहार का रहने वाला है। इस गैंग के सदस्य लोगों से मोबाइल टावर, उद्योग लगाने, डूडा लोन दिलाने, बालिका स्मृति योजना, फसल बीमा योजना, हेल्थ बीमा, राष्ट्रीय कृषि ग्रामीण विकास जैसी योजनाओं के नाम पर गुमराह कर मोटी रकम वसूलते थे।
पुलिस को इस बारे में लम्बे अरसे से शिकायतें मिल रही थी। सूचना के आधार पर मास्टरमाइंड नवीन गिरि को रविवार को कानपुर के बिधनू इलाके में रमईपुर तिराहा से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी लखनऊ के विनीत खंड, गोमतीनगर में रहता है। पुलिस ने गिरफ्तार ठग के पास से दो मोबाइल फोन, कूटरचित दस्तावेज व डायरी, कई बैंको की चेकबुक, एटीएम कार्ड और अपोलो लिखी मोहर बरामद किया है। एसटीएफ प्रवक्ता ने बताया कि काफी समय से विभिन्न सरकारी योजनाओं के नाम पर पैसे की ठगी करने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचना मिल रही थी।
इसी बीच कानपुर के थाना बिधनू पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। इसकी गिरफ्तारी के लिए कानपुर पुलिस ने एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से अनुरोध किया था। इसके लिए अनिल कुमार सिसोदिया, प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की अगुवाई में एसटीएफ मुख्यालय स्थित साइबर टीम को जानकारी जुटाने के लिए कहा गया था। प्रवक्ता ने बताया कि हमें सटीक सूचना मिलने पर रविवार को रमईपुर तिराहा, कानपुर से नवीन गिरि को गिरफ्तार किया गया।
नए नंबरों से देते थे झांसा
पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि वह सैकड़ों मोबाइलों से सिम बदल कर लोगों को सरकारी योजनाओं, अर्थ केयर, रिलायंस जियो टावर लगवाने, उद्योग लगाने, डूडा लोन दिलाने, बालिका स्मृति योजना, फसल बीमा योजना, हेल्थ बीमा, राष्ट्रीय कृषि ग्रामीण विकास योजना आदि के नाम पर गुमराह करता था। बाद में उनसे कुरियर से चेक मंगाकर ठगी करता है। यह गिरोह पूरे संगठित तरीके से देश के कई राज्यों में सक्रिय है और ठगी करके लोगों को चपत लगाता है। गत पांच साल में इस गैंग ने सैंकड़ों लोगों से लाखों रूपयों की ठगी की है। पुलिस ने मास्टर माइंड के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। उसे जेल भेज दिया गया है। पूछताछ के आधार पर गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।