-राष्ट्रीय पोषण माह के तहत आयुष विंग पालम विहार में स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन
-175 लोगों को मिला लाभ
Gurugram : आयुष विभाग गुरुग्राम ने मंगलवार को आयुष विंग पालम विहार में निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया। यह आयोजन राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर किया गया। जांच शिविर में आए 175 रोगियों को होम्योपैथिक व आयुर्वेदिक चिकित्सा के साथ-साथ योग और प्रदर्शनी के माध्यम से उचित खानपान की जानकारी दी गई।
खाना या ज्यादा एक्सरसाइज से होता नुकसान
जांच शिविर में आए लाभार्थियों को जिला आयुष अधिकारी डॉ मंजू बांगड़ ने बताया कि आजकल अधिकतर रोग जीवन शैली संबंधित या हमारे गलत खानपान और मानसिक तनाव के कारण हो जाते हैं। हम सभी अपनी दैनिक जीवन शैली में थोड़ा सा बदलाव करके अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी चीज का अधिक सेवन हमारे लिए हानिकारक है चाहे वो पानी हो, खाना हो या एक्सरसाइज ही क्यों ना हो।
इन चीजों का जरूर करे सेवन
आज के युवाओं में योग के स्थान पर जिम अधिक प्रचलन में है, जिम में जाने वाले अधिकांश लोग हाई प्रोटीन डाइट के नाम पर आर्टिफिशल प्रोटीन का सेवन करते हैं या फिर अधिक मात्रा में सेवन करते हैं। इन दोनों ही कारणों से पेट की कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। जोकि कुछ समय पश्चात अन्य रूप में सामने आ सकते हैं। इसलिए यह अति आवश्यक है कि हम योग को अपनाएं व प्रोटीन को अपने भोजन में शामिल करने के लिए पनीर, दूध, दालें और अंकुरित भोजन (मूंग, मोठ, चना, सोयाबीन) का सेवन कर सकते हैं।
मौसम के अनुरूप खाए फल और सब्जियां
डॉ मंजू ने कहा कि अच्छा खाने के लिए बिना मौसम के महंगे फल और सब्जियां ना खाकर मौसम के अनुसार उपलब्ध फल व सब्जियों का सेवन अवश्य और समुचित मात्रा में करना चाहिए। जैसे आजकल उपलब्ध अमरुद व नाशपति पेट के लिए बहुत अच्छे हैं और इनके साथ साथ थोड़ा थोड़ा सभी फल जैसे सेव, केला, अनार का सेवन कर सकते हैं।
इन चीजों को जरूर बनाए भोजन का हिसा
उन्होंने कहा कि शरद ऋतु आरंभ हो चुकी है अतः इस ऋतु में दही का सेवन स्वस्थ व्यक्ति के लिए भी वर्जित है। अतः इस ऋतु में दही, लस्सी का सेवन नहीं करना चाहिए। रोगानुसार व चिकित्सक के परामर्श अनुसार छाछ का सेवन भुना जीरा और काली मिर्च डाल के दिन के समय कर सकते हैं। इनके साथ-साथ सर्वाधिक प्रयोग में आने वाले गेंहू व चावल के साथ-साथ मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, रागी और सोयाबीन इत्यादि को हमें अपने भोजन का हिस्सा जरुर बनाना चाहिए।