बुआ ने हवस मिटाने के लिए भतीजे संग किया सेक्स, पेट में ठहरा छठा बच्चा तो...

एक मामला ऐसा भी : बुआ ने हवस मिटाने के लिए भतीजे संग किया सेक्स, पेट में ठहरा छठा बच्चा तो...

बुआ ने हवस मिटाने के लिए भतीजे संग किया सेक्स, पेट में ठहरा छठा बच्चा तो...

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New Delhi : कहते हैं बुआ और भतीजे का रिश्ता बहुत बेहतर होता है, लेकिन बुआ-भतीजे को रिश्ते में दाग लगाने का मामला सामने आया है। जहां पर बुआ ने अपनी हवस को बुझाने के लिए भतीजे के साथ गलत काम लिया। बुआ ने अपनी हवस को बुझाने के लिए 16 वर्षीय नाबालिग भतीजे के साथ सेक्स किया। जब उसके पेट में बच्चा ठहर गया तो मामले का खुलासा हुआ। अब इस मामले में नाबालिग लड़के के साथ उत्पीड़न करने और लैंगिक मामले में बुआ को 20 साल की सजा हुई है। बुआ के पहले से 5 बच्चे थे और भतीजे से पैदा हुई बेटी छठी हुई।

क्या है पूरा मामला
यह मामला देहरादून का है। जानकारी के मुताबिक, बीते 5 जुलाई 2022 को एक 16 साल के लड़के की मां ने बसंत विहार थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था। महिला ने बताया कि उसकी ननद मायके में रहती है। करीब 6 महीने पहले उसकी ननद और ननद के पति का विवाद हो गया था। इसके बाद वह अपने मायके में आकर रहने लगी। इस बीच उसकी नदद ने उसके 16 वर्षीय बेटे के साथ यौन सम्बन्ध बनाए थे। कुछ दिनों पहले उसकी नदद उसके बेटे को लेकर कहीं गायब हो गई थी। जब वह वापस आई तो नदद गर्भवती हो गई। इसके बाद लड़के की मां ने थाने में अपनी नदद के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया। पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

ट्रायल के दौरान पीड़ित लड़के ने बदले बयान
बुआ जब गर्भवती हो गई तो 2 जनवरी 2023 को जमानत मिली। महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। जब बच्ची का डीएनए टेस्ट हुआ तो पता चला कि वह उसके भतीजे की ही बेटी है। कोर्ट में कैसे ट्रायल पर आ गया। इसी बीच पीड़ित लड़का लैंगिक हमले के आरोप में पलट गया। इस मामले में पीड़ित लड़के ने कहा कि उसने अपनी सहमति से बुआ के साथ संबंध बनाए थे। ट्रायल के दौरान लड़का अपनी बुआ के पक्ष में चला गया और कहने लगा की घटना के वक्त उसकी आयु 18 साल थी, लेकिन परिजनों ने स्कूल में उसका नाम दाखिल करवाते वक्त उम्र कम कर दी थी। इसके अलावा पीड़ित लड़के ने कोर्ट में यह भी कहा कि उसके माता-पिता उसकी बुआ को घर से निकलना चाहते हैं, इसलिए मुकदमा दर्ज करवाया है। 

कोर्ट ने पीड़ित के बयान को किया नजरअंदाज
कोर्ट ने पीड़ित के बयान को नजअंदाज रहते वक्त तकनीकी साक्ष्य के आधार पर अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि लड़के के शैक्षिक दस्तावेज घटना के वक्त 16 साल के थे। अब इस मामले में महिला को 20 साल की कैद हुई है। शासकीय अधिवक्ता अल्पना ने बताया कि दोषी महिला के बालक के साथ यौन संबंध के मामले में 20 साल की कैद हुई है। इस मामले में अन्य वकीलों का कहना है कि अगर कोई भी महिला अपनी यौनिक इच्छाओं को पूरा करने के लिए किसी बच्चे के साथ सम्बन्ध बनाती है तो वह बालक पर लैंगिक हमला माना जाता है।

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