New Delhi | Ghaziabad News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल रैपिड रेल को चलाने की तैयारी काफी तेज गति से चल रही है। इस प्रोजेक्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। रैपिड ट्रेन चलने के बाद दिल्ली से मेरठ आना जाना और आसान हो जाएगा। खास बात यह है कि देश की पहली रीजनल रैपिड रेल का टिकट पाने के लिए लोगों को लाइन में नहीं लगना होगा। टिकट पूरी तरह पेपर लैस होगा। एप्लीकेशन डिजाइन कर रहा है। इस एप से ऑनलाइन पैसा देकर एक कोड मिलेगा। स्टेशन पर लगी मशीन के सामने इस कोड को स्कैन करके यात्री एंट्री कर सकेगा। रोजाना के यात्री चाहें तो मेट्रो की तर्ज पर प्लास्टिक कार्ड जारी करवा सकते हैं।
साहिबाबाद से दुहाई के बीच रैपिड रेल
प्रवक्ता पुनीत वत्स ने बताया, जून 23 से पहले फेज में साहिबाबाद से दुहाई के बीच रैपिड रेल चलने की उम्मीद है। करीब 17 किलोमीटर में पांच स्टेशन हैं। इनका काम तेजी से फिनिश होने की तरफ है। प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर लगाने का काम तेजी से जारी है। रीजनल रैपिड रेल की महत्वपूर्ण बात एक और है। मेट्रो ट्रेनों की तरह रैपिड रेल के सभी स्टेशनों पर सारे गेट ऑटोमेटिक नहीं खुलेंगे। एंट्री एग्जिट के लिए यात्री को खुद बटन प्रेस करना होगा।
रैपिड रेल के कोच में कूलिंग
उन्होंने बताया कि यात्री जिस गेट पर बटन दबाएगा, वही गेट खुलेगा। बाकी अन्य गेट बंद रहेंगे। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, जिससे रैपिड रेल के कोच की कूलिंग बनी रहे और बिजली की खपत कम से कम हो। जब तक गेट बंद नहीं होगा, तब तक रैपिड रेल आगे नहीं बढ़ेगी। छह कोच वाली इस ट्रेन में एक प्रीमियम कोच है। प्रीमियम कोच में एक वेंडिंग मशीन लगी होगी। यात्री चाहें तो सिक्का डालकर इस मशीन से कॉफी या चाय का स्वाद ले सकते हैं।
ट्रेन में होगी यह सुविधाएं
इस कोच में हर सीट पर मोबाइल या लैपटॉप चार्जिंग पॉइंट मिलेगा। इसके अलावा स्ट्रेचर और व्हीलचेयर खड़ी करने की भी सुविधा है। स्ट्रेचर पर मरीज जिस अवस्था में अस्पताल से निकलेगा, वैसा ही उसको ट्रेन कोच के अंदर खड़ा किया जा सकेगा। यदि कोई व्यक्ति व्हीलचेयर छोडक़र ट्रेन की कुर्सी पर बैठना चाहता है तो उसकी व्हीलचेयर को फोल्ड करके खड़ा करने की भी व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त प्रीमियम कोच में लेगरूम, कोट हैंगर, चौड़ी सीटें होंगी।