New Delhi : बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुनवाई की है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार के जवाब पर भड़क गया और कहा कि हाथ पर हाथ धरे बैठे रहो। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि आखिर वह प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्लान क्यों नहीं बना रहे हैं। अब अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी।
सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश हुए एसजी तुषार मेहता ने कहा, "मौसम विभाग का कहना है कि 21 नवंबर के बाद मौसम बदलते ही स्थिति में सुधार आने की संभावना है। अभी कई पाबंदियां लगाई गई हैं। क्या कोर्ट कोई सख्ती दिखाने से पहले 21 तारीख तक इंतजार कर सकता है।
इस पर भड़कते हुए कोर्ट ने कहा, "प्रदूषण पर हम मौसम बदलने का इंतजार नहीं कर सकते। क्या सरकार अभी तक हाथ पर हाथ धरे बैठे रहना चाहती है।" सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा, केंद्र को भी कुछ योगदान देना चाहिए। आपको 100 प्रतिशत स्टाफ को वर्क फ्रॉम होम में भेजने की जरूरत नहीं है। कोविड के समय भी आपने पाबंदियां लगाई थीं और संख्या कम की थी।
केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में वायु प्रदूषण कम करने के लिए कई उपायों का प्रस्ताव रखा, जिसमें कई बिंदु रखे गए। जिसमें मुख्य रूप से आवश्यक सामान ले जाने वाले वाहनों को छोड़कर सभी ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध, स्कूलों को बंद करना और एनसीआर के कार्यालयों में 50 प्रतिशत उपस्थिति शामिल है।