चेयरमैन समीर पाल ने लांच की खास वेबसाइट, इस तरीके से और भी बेहतर होगा गुरुग्राम का पर्यावरण

अच्छी खबर : चेयरमैन समीर पाल ने लांच की खास वेबसाइट, इस तरीके से और भी बेहतर होगा गुरुग्राम का पर्यावरण

चेयरमैन समीर पाल ने लांच की खास वेबसाइट, इस तरीके से और भी बेहतर होगा गुरुग्राम का पर्यावरण

Google Image | चेयरमैन समीर पाल ने लांच की खास वेबसाइट

Gurugram News : हरियाणा की स्टेट एनवायरमेंट इम्पेक्ट असेसमेंट अथॉरिटी (सिआ) ने सक्रियता से काम करना शुरू कर दिया है। आज अथॉरिटी की नई बनाई गई वैबसाईट शुरू की गई, जिसे विधिवत रूप से अथॉरिटी के नवनियुक्त चेयरमैन समीर पाल सरो (सेवानिवृत आईएएस) ने गुरूग्राम में आयोजित बैठक में लांच किया। प्रोजेक्ट कन्सलटेंट्स के साथ आयोजित अथोरिटी की पहली बैठक में हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन पी राघवेन्द्र राव भी उपस्थित थे। यह बैठक लोक निर्माण विश्राम गृह में आयोजित की गई थी।
 
पर्यावरण संरक्षण सामूहिक जिम्मेदारी, प्रोजेक्ट कंसलटेंट को किया सैंसीटाइज
बैठक के उपरांत संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चेयरमैन समीर पाल सरो ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। इसी उद्देश्य को लेकर आज प्रोजेक्ट तैयार करने वाले कंसलटेंट को सैंसीटाइज  करने के लिए गुरुग्राम में उनकी बैठक बुलाई गई थी। उन्होंने बताया कि सभी प्रोजेक्ट कंसलटेंट को यह समझाया गया है कि आर्थिक विकास जारी रहे लेकिन उसमें पर्यावरण को कही भी क्षति ना पहुंचे, वे ऐसे प्रोजेक्ट तैयार करें । उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट तैयार करते समय पर्यावरण के पहलू का भी अवश्य ध्यान रखा जाए। साथ ही श्री सरो ने बताया कि एनवायरमेंट क्लीयरेंस की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए अथॉरिटी की आज नई वेबसाइट लांच की गई है। पर्यावरण संबंधी नोटिफिकेशन, फीस, आवेदन के साथ लगाए जाने वाले दस्तावेजों की चेक लिस्ट इस वेबसाइट पर अपलोड की गई है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण संबंधी नियमों की पालना सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा की सिआ अथॉरिटी अपनी एनफोर्समेंट विंग को मजबूत करेगी। 

एनवायरमेंट क्लीयरेंस प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए की गई वेबसाइट लांच 
उन्होंने बताया कि पर्यावरण को लेकर भारत सरकार और हरियाणा सरकार के स्तर पर नीतियां तथा योजनाएं बनाई जा रही है और लागू की जा रही है। भारत सरकार ने एनवायरमेंट क्लीयरेंस संबंधी एजेंडा और उस पर लिए गए निर्णय आदि के मूल्यांकन के लिए ‘ परिवेस‘ नामक पोर्टल बनाया हुआ है। इस पोर्टल पर देश के सभी राज्यों की सिआ अथॉरिटी को एजेंडा और बैठक की कार्यवाही अपलोड करनी अनिवार्य की गई है। सरो ने बताया कि हरियाणा में वेबसाइट के माध्यम से समानांतर प्लैटफार्म उपलब्ध करवाया गया है, जहां पर वैसी ही सूचनाएं उपलब्ध होंगी जैसी कि भारत सरकार के परिवेश पोर्टल पर उपलब्ध करवाई जाती हैं।

अक्टूबर 2021 से स्क्रूटनी फीस का किया गया प्रावधान
सवालों के जवाब में सरो ने बताया कि किसी भी प्रोजेक्ट के लिए एन्वायरमेंट क्लीयरेंस लेना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने अक्टूबर 2021 में स्क्रूटनी फीस जमा करवाने का प्रावधान किया है। इस प्रावधान के अनुसार 5 करोड़ रूप्ये तक परियोजना लागत पर जांच शुल्क या स्क्रुटनी फीस 50 हजार रूप्ये, 5 से 25 करोड़ रूप्ये तक की लागत वाली परियोजना के लिए 1 लाख रूप्ये ,25 से 100 करोड़ रूप्ये तक की परियोजना के लिए 1.5 लाख रूप्ये , 100 करोड़ रूप्ये से अधिक की परियोजना के लिए 2 लाख रूप्ये जांच शुल्क निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, 5 हैक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में प्रमुख खनिज जैसे लोहा, बॉक्साईट, चूना पत्थर, कोयला आदि की परियोजना के लिए 2 लाख रूपये और 5 हैक्टेयर तक खनिज वाली परियोजना के लिए 1 लाख रूप्ये , लघु खनिज जैसे-पत्थर और ग्रेफाइट  आदि के 5 हैक्टेयर तक क्षेत्र के लिए 75 हजार रूप्ये और उससे अधिक क्षेत्र के लिए डेढ़ लाख रूप्ये की फीस रखी गई है। 

सैल्फ डिक्लेयरेशन पर मिलेगी जुर्माने पर 50 प्रतिशत की छूट
उन्होंने जुर्माना के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए बताया कि एनवायरमेंट क्लीयरेंस के उल्लंघन के मामलों में प्रोजेक्ट की कुल लागत का एक प्रतिशत भाग जुर्माना लगाया जा सकता है और यदि प्रोजेक्ट का मालिक सैल्फ डिक्लेयरेशन करता है तो जुर्माने की राशि आधी अर्थात्  50 प्रतिशत हो जाएगी। अथॉरिटी की कार्यप्रणाली का विस्तार से उल्लेख करते हुए बताया कि एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन एक्ट-1986 की धारा 3 के तहत  सिआ अथॉरिटी का गठन हर राज्य में किया जाता है। उसके नीचे एक स्टेट एक्सपर्ट अप्रेजल कमेटी के नाम से सब कमेटी भी काम करती है। हरियाणा में सिआ अथोरिटी का गठन पहली बार सन् 2008 में किया गया था और यह अथोरिटी मुख्य रूप से कन्सट्रक्शन, इंडस्ट्री , माइनिंग आदि से संबंधित प्रौजेक्ट के मामले में एन्वायरमेंट क्लीयरेंस देती है। उन्होंने बताया कि एन्वायरमेंट क्लीयरेंस के लिए कैटेगरी ए में रखे गए प्रोजेक्ट भारत सरकार के अधीन आते हैं जबकि कैटेगरी-बी के प्रोजेक्ट के मामले में हरियाणा सरकार द्वारा गठित सिआ अथोरिटी क्लीयरेंस देती है। उन्होंने बताया कि डेढ़ लाख स्क्वैयर मीटर से लेकर 50 हैक्टेयर तक के प्रोजेक्ट के लिए एन्वायरमेंट इम्पैक्ट एसैसमेंट तथा एन्वायरमेंट मैनेजमेंट प्लान बनाना अनिवार्य होता है। अथॉरिटी का कार्यकाल तीन वर्ष के लिए निर्धारित है। 

21 फरवरी 2022 को अस्तित्व में आई नई सिआ अथॉरिटी
संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए सरो ने बताया कि वर्तमान अथॉरिटी का गठन 21 फरवरी 2022 को किया गया था। इससे पहले वाली अथॉरिटी का कार्यकाल 29 जनवरी 2022 को खत्म हो गया था। पिछली अथॉरिटी को एनवायरमेंट क्लीयरेंस से संबंधित 578 आवेदन प्राप्त हुए थे जिनमें से 316  प्रोजेक्टों को क्लीयरेंस दी गई। इनके अलावा, 43 प्रोजेक्ट को टर्म आफ रेफरेंस किया गया जबकि 80 आवेदनों को फाइल या डी-लिस्ट किया गया बाकि 60 लंबित आवेदन वर्तमान अथॉरिटी को हस्तांतरित किए गए हैं।

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