Delhi Metro News (आकृति सिंह) : दिल्ली मेट्रो के फेज-4 में बनने वाली नई सिल्वर लाइन को एयरोसिटी से आगे एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 तक बढ़ाने का प्लान तैयार किया गया है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद एयरपोर्ट के तीनों टर्मिनल एक-दूसरे से कनेक्ट हो जाएंगे। इससे इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का सफर आसान हो जाएगा। इसका प्रस्ताव डीएमआरसी ने दिल्ली सरकार को भेजा है। इस परियोजना से फेज-3 में बनी मेट्रो की मजेंटा लाइन की कनेक्टिविटी को भी बढ़ाने में काफी मदद मिल जाएगी।
इस नाम से जानी जाएगी नई मेट्रो लाइन
दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के तीन टर्मिनल हैं। टर्मिनल-3 सबसे बड़ा है। उसे सीधे मेट्रो की एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन (ऑरेंज लाइन) के साथ जुड़ा हुआ है। उसके बाद टर्मिनल-1 को मजेंटा लाइन से कनेक्ट किया गया है। टर्मिनल-2 जाने के लिए लोगों को एयरपोर्ट मेट्रो के एयरोसिटी स्टेशन पर उतरना पड़ता है। उसके बाद वो वहां से एयरपोर्ट तक फीडर सेवा के जरिए जाते हैं। अब फेज-4 में तुगलकाबाद से एयरोसिटी के बीच नई मेट्रो लाइन बनाई जा रही है। इसे सिल्वर लाइन का नाम दिया जाएगा। बता दें, पहले इस लाइन को सिर्फ तुगलकाबाद से एयरोसिटी तक ही ले जाया जा रहा था। लेकिन, अब एयरोसिटी पर बन रहे इंटरचेंज स्टेशन से थोड़ा और आगे टर्मिनल-1 तक ले जाने की तैयारी है। फिर इन तीनों लाइनों ऑरेंज, मजेंटा और सिल्वर को एक दूसरे से जोड़कर एयरपोर्ट आने-जाने वाले लोंगो के लिए बेहतर कनेक्टिविटी दी जाएगी।
DMRC ने दिल्ली सरकार को भेजा प्रपोजल
जानकारी के अनुसार, सरकार को डीएमआरसी ने जो प्रस्ताव भेजा है, उसमें सिल्वर लाइन पर एयरोसिटी से टर्मिनल-1 तक 2.26 किमी लंबा अंडरग्राउंड कॉरिडोर बनाया जाएगा। पहले से टर्मिनल-1 पर अभी मजेंटा लाइन का अंडरग्राउंड स्टेशन बना हुआ है। अब सिल्वर लाइन का अंडरग्राउंड स्टेशन बनाकर टर्मिनल-1 को भी इंटरचेंज मेट्रो स्टेशन के रूप में तब्दील कर दिया जाएगा। उसके बाद एयरपोर्ट आने-जाने वाले लोग टी-2 या टी-3 जाने के लिए टी-1 या एयरोसिटी के इंटरचेंज स्टेशनों से अपनी ट्रेन बदलकर जा सकेंगे। पहले सिल्वर लाइन को सिर्फ टी-1 तक ही बनाने का प्लान था। लेकिन, अब इस प्लान को बदल दिया गया है। अब इस लाइन को टी-1 तक एक्सटेंड करने का प्लान बनाया गया है। उस पर काम शुरू किया गया है। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद साल 2025 तक एयरपोर्ट आने-जाने वाले लोगों को एयरोसिटी के साथ टर्मिनल-1 के रूप में एक इंटरचेंज मिल जाएगा।