New Delhi News : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत पूरे एनसीआर की हजारों हाउसिंग सोसाइटीज में रहने वाले लाखों परिवारों के लिए बड़ी खबर है। अब पावर बैक-अप के लिए इस्तेमाल होने वाले डीजल जनरेटर का इस्तेमाल करना आसान नहीं होगा। दिल्ली-एनसीआर में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए डीजल जनरेटर इस्तेमाल करने के नियम और सख्त कर दिए गए हैं। शुक्रवार को केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने नए आदेश जारी किए हैं।
क्या हैं नए नियम
केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक आने वाली 15 मई के बाद 800 किलोवाट तक के जनरेटर को औद्योगिक और व्यवसायिक इस्तेमाल के लिए कड़ी शर्तों के साथ इजाजत दी जाएगी। आयोग का कहना है कि इन डीजल इंजनों को चलाने की जरूरत तभी मिलेगी जब यह गैस और डीजल दोनों से चलते होंगे। मतलब, इन जनरेटर में दोहरे इंधन की व्यवस्था होनी चाहिए। आयोग ने बताया कि ग्रैप लागू होने के समय डीजल से जनरेटर चलाने पर पूरी तरह पाबंदी रहेगी। आपको बता दें कि राजधानी और पूरे एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के लिए जिम्मेदार कारणों में डीजल जनरेटर भी शामिल हैं। डीजल जनरेटर के प्रयोग को सीमित करने के लिए लगातार पाबंदी बढ़ाई जा रही हैं।
वायु प्रदूषण बड़ी परेशानी
पूरे दिल्ली-एनसीआर में ठंड बढ़ते ही प्रदूषण का स्तर चरम पर पहुंच जाता है। जिसके बाद ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रैप लागू करना पड़ता है। ग्रैप के दौरान डीजल से चलने वाले मशीनों पर पाबंदी रहती है। आयोग ने कहा है कि बिना नियंत्रण डीजल जेनरेटर चलते रहना उचित नहीं है। इतने बड़े जेनरेटर वायु प्रदूषण को बढ़ावा देते हैं। जब ग्रैप लागू होता है, तब इन पर ध्यान देते हैं। सामान्य दिनों में भी बड़े डीजल जेनरेटर पर नियंत्रण रखने की जरूरत है। इनसे होने वाला उत्सर्जन वायु प्रदूषण है।