मिरांडा हाउस की छात्राओं ने कॉनॉट प्लेस में दिया लैंगिक समानता का संदेश

विशेज एंड ब्लेसिंग का फ्लैशमॉब : मिरांडा हाउस की छात्राओं ने कॉनॉट प्लेस में दिया लैंगिक समानता का संदेश

मिरांडा हाउस की छात्राओं ने कॉनॉट प्लेस में दिया लैंगिक समानता का संदेश

ट्राई सिटी | कार्यक्रम प्रस्तुत करते हुए

Delhi News : विशेज एंड ब्लेसिंग एनजीओ ने मिरांडा हाउस कॉलेज की इंडियन डांस सोसाइटी के सहयोग से कॉनॉट प्लेस दिल्ली में एक फ्लैशमॉब कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। कॉनॉट प्लेस की व्यस्त सड़कों पर कार्यक्रम में आयोजित नृत्य प्रदर्शन को देखने के लिए राहगीरों की भीड़ लग गई। मृदंग के छात्रों द्वारा प्रस्तुत की गई कोरियोग्राफी ने महिलाओं की ताकत और लचीलापन को दर्शाते हुए समाज में समान अवसरों के लिए संघर्ष की कहानी को प्रस्तुत किया। 

दर्शकों ने प्रदर्शन को सराहा
फ्लैशमॉब के दौरान विशेज एंड ब्लेसिंग की संस्थापक डॉ. गीतांजलि चोपड़ा ने लैंगिक समानता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा आज के समय में भी महिलाओं को उनके लिंग के आधार पर भेदभाव का सामना करना पड़ता है। इस दौरान दर्शकों ने न केवल प्रदर्शन को सराहा, बल्कि उसके पीछे के महत्वपूर्ण संदेश को भी समझा। डॉ. चोपड़ा ने बताया कि हालांकि लैंगिक समानता पर चर्चा हो रही है, लेकिन वास्तविक जीवन में इसे लागू करने में बहुत कुछ पीछे रह गए हैं।

सामाजिक और सांस्कृतिक विरोधाभास
बिजनेस डेवलपमेंट की मैनेजर बरखा हजारिका ने भारतीय समाज में महिलाओं के प्रति श्रद्धा और उनके रोजमर्रा के जीवन में भेदभाव के बीच के जटिल संबंधों को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, भारत में देवी-देवताओं का उत्सव मनाया जाता है, लेकिन महिलाओं को सामाजिक और पेशेवर जीवन में अक्सर भेदभाव का सामना करना पड़ता है। यहां धार्मिक संदर्भ में महिलाओं को पूजा जाता है, लेकिन वास्तविक जीवन में उनके साथ भेदभाव होता है। इस असंगति ने फ्लैशमॉब की आवश्यकता को और भी स्पष्ट किया।

समापन और भविष्य की दिशा
फ्लैशमॉब में मंच के माध्यम से विशेज एंड ब्लेसिंग ने महिलाओं के अधिकारों और लैंगिक समानता पर सार्थक चर्चाओं को प्रोत्साहित किया। संगठन का मानना है कि कला, विशेषकर नृत्य, जागरूकता पैदा करने का एक प्रभावी साधन है। इस कार्यक्रम की सफलता ने दर्शाया कि समुदाय में लैंगिक समानता की आवश्यकता के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। उपस्थित लोगों ने इस पहल की सराहना की और महिलाओं के अधिकारों के बारे में बातचीत के महत्व पर बल दिया। 

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