शिव नादर यूनिवर्सिटी को मिली ‘Institution of Eminence’ की मान्यता, सिर्फ 10 साल में उपलब्धि हासिल करने वाला पहला विश्वविद्यालय बना

ग्रेटर नोएडा: शिव नादर यूनिवर्सिटी को मिली ‘Institution of Eminence’ की मान्यता, सिर्फ 10 साल में उपलब्धि हासिल करने वाला पहला विश्वविद्यालय बना

शिव नादर यूनिवर्सिटी को मिली ‘Institution of Eminence’ की मान्यता, सिर्फ 10 साल में उपलब्धि हासिल करने वाला पहला विश्वविद्यालय बना

Google Image | शिव नादर यूनिवर्सिटी ने हासिल की उपलब्धि

  • देश की चुनिंदा 20 संस्थानों में शामिल हुआ विश्वविद्यालय
  • स्थापना के सिर्फ 10 साल में मान्यता लेने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय
  • 114 यूनिवर्सिटी में से हुआ चयन
ग्रेटर नोएडा स्थित शिव नादर यूनिवर्सिटी को ‘उत्कृष्ठ संस्थान’ या ‘Institution of Eminence Deemed to be University’ (IoE)’ की मान्यता प्रदान की है। गत 17 मार्च को इस संबंध में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय और यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट के बीच MoU पर हस्ताक्षर किया गया था। इस उपलब्धि के साथ ही शिव नादर यूनिवर्सिटी देश की उन चुनिंदा 20 संस्थानों में शामिल हो गई है, जिन्हें यह मान्यता पहले दी जा चुकी है। हस्ताक्षर होने के बाद इस यूनिवर्सिटी को IoE के रूप में घोषित करने की आधिकारिक घोषणा की गई। 

इस उपाधि को देने का उद्देश्य देश के उच्च शिक्षा संस्थानों को सशक्त बनाने तथा उन्हें वैश्विक स्तर के शिक्षण और अनुसंधान संस्थान बनने में सहायता के लिये सरकार की प्रतिबद्धताओं को लागू करना है। शिव नादर यूनिवर्सिटी के प्रो चॉन्सलर शिखर मल्होत्रा और वाइस चॉन्सलर रूपमंजरी घोष ने MoU पर हस्ताक्षर किया। इस मौके पर भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विनीत जोशी और उच्चर शिक्षा, शिक्षा मंत्रालय की डिप्टी डायरेक्टर कृति उपस्थित रहीं। 

प्रो चॉन्सलर ने बताया ऐतिहासिक
प्रो चॉन्सलर शिखर मल्होत्रा ने इस मौके को ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा कि, “शिव नादर विश्वविद्लाय के लिए यह ऐतिहासिक क्षण है। संस्थान को ‘Institution of Eminence’ का खिताब मिलना हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह भारत में उच्च शिक्षा को पुनर्परिभाषित करने और हमारे देश से उभरने वाली मानव पूंजी के भविष्य को बदलने में मदद करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता का एक उत्कृष्ट परीणाम है।”

सभी के सहयोग से मिली उपलब्धि
उन्होंने आगे कहा, “हम शिव नादर विश्वविद्यालय को निजी उच्च शिक्षा के लिए एक आदर्श के रूप में मान्यता देने के लिए शिक्षा मंत्रालय के आभारी हैं। भारत आधुनिक, उच्च-गुणवत्ता की शिक्षा और अत्याधुनिक अनुसंधान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रयत्नशील है।” यह उपलब्धि हमारे छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों, छात्रों के माता-पिता, पूर्व छात्रों, भागीदारों और सभी शुभचिंतकों के अथक प्रयास और मेहनत से मिली है। इसके लिए सभी को शुक्रिया और मुबारकबाद।” 

भविष्य का भारत बनाने में मिलेगी मदद
शिव नादर विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ रूपमंजरी घोष ने इस उपलब्धि को खास बताया। उन्होंने कहा, “यह उपलब्धि भारत में शिक्षा के लिए हमारे अग्रणी बहु-विषयक दृष्टिकोण और अनुसंधान के क्षेत्र में निरंतर भूमिका निभाने की बदौलत मिली है। यह वैश्विक महत्व के मुद्दों को हल करने में मदद कर सकता है। ऐसे समय में जब भारत 'वैश्विक ज्ञान महाशक्ति' के रूप में अपनी पुरानी पहचान स्थापित कर रहा है, शिव नादर विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। हम बेहतरीन संस्थाओं का निर्माण करेंगे। जहां भविष्य का भारत बनाने वाले दिमाग को विकसित किया जाएगा।”

114 विश्वविद्यालयों में से चुना गया
उन्होंने कहा, "इतने कम समय में IoE  की उपाधि मिलना गर्व की बात है। हमने अपनी स्थापना के 10वें साल में ही इस उपलब्धि को हासिल कर लिया था। शिव नादर विश्वविद्यालय अगस्त, 2019 में इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस में नामित किया गया था।” विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सार्वजनिक संस्थानों के लिये ‘यूजीसी (सरकारी शिक्षण संस्थानों को इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस के रूप में घोषित करने हेतु) दिशा-निर्देश, 2017’ और निजी संस्थानों के लिये ‘यूजीसी (इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस मानद विश्वविद्यालय) दिशा-निर्देश, 2017’ को अधिसूचित किया था। शिव नादर यूनिवर्सिटी को कुल 114 विश्वविद्यालयों में से चुना गया है।

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