Tricity Today | संघ ने पथ संचलन से दिया एकजुट रहने का संदेश
Faridabad News : हिन्दू संस्कृति विश्व की प्राचीनतम संस्कृति है, जो विश्व बंधुत्व की भावना से प्रेरित है, मानवीय मूल्यों और परम्पराओं पर आधारित है। यह बात विजयदशमी के पावन पर्व पर ऊंचा गांव स्थित सामुदायिक भवन में आयोजित पथ संचलन के दौरान संघ के हरियाणा प्रांत प्राध्यापक कार्य प्रमुख डॉ. पवन मलिक ने व्यक्त किए।
बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है दशहरा
डॉ. पवन मलिक कहा कि विजयदशमी पर्व आसुरी शक्तियों पर दैवीय शक्तियों की विजय, अधर्म पर धर्म की, असत्य पर सत्य की, पाप पर पुण्य की तथा बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक पर्व है। इसलिए आज के दिन हम सब को प्रण लेना चाहिए कि समस्त हिन्दू समाज को एकजुट करेंगे। खड़ी खंड में विभाग बौद्धिक प्रमुख ऋषिपाल ने कहा कि ऊंच नीच व जात पात का भेद मिटाकर सभी हिन्दुओं में राष्ट्रवाद की भावना को जागृत करेंगे। क्योंकि हिन्दू संगठन एवं जागरण के माध्यम से ही अपने परम पुनीत भारत राष्ट्र को पुनः विश्व गुरु के सिंहासन पर सुशोभित किया जा सकता है। खंड कार्यवाह रणवीर सिंह व शारीरिक प्रमुख सुनील कावरा ने कहा कि अनेक देशविरोधी शक्तियां देश में फूट डालने, देश को कमजोर करने के षड़यंत्र रच रही हैं, हमें उन सब सावधान रहना होगा।
विजयदशमी पर लिया जाता है मानवता की रक्षा का संकल्प
सेक्टर-3 में आयोजित कार्यक्रम में संघ के फरीदाबाद विभाग कुटुंब प्रबोधन प्रमुख मुकेश मंगला ने स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि 9 दिन तक लगातार शक्ति की देवी मां दुर्गा की आराधना कर शक्ति संचय किया जाता है। दशवें दिन अर्थात विजयदशमी के दिन शस्त्र पूजन कर अपने देश, धर्म तथा मानवता की रक्षा का संकल्प लिया जाता है।
इनके मार्गदर्शन में मनाया गया त्योहार
बल्लबगढ़ में कल्पना चावला सिटी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में संघ के जिला संपर्क प्रमुख विजय पाल, करनेरा में विभाग कार्यवाह अरुण परिहार, मलेरना में जिला कार्यवाह संतोष वत्स, मोहना में जिला बौद्धिक प्रमुख संजय, हर्षवर्धन नगर में जिला घोष प्रमुख अरुण और तिगांव में विभाग बाल कार्य प्रमुख तुषार के मार्गदर्शन में विजयदशमी कार्यक्रम आयोजित हुए।