Ghaziabad News : गाजियाबाद में डॉग बाइट के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। वहीं सरकारी स्तर पर डॉग बाइट पीड़ितों के उपचार के लिए व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। गाजियाबाद में एक महिला की हथेली को कुत्ते ने काटकर बुरी तरह घायल कर दिया, इसके बाद चिकित्सकों ने महिला को सीरम लगवाने की सलाह दी। सीरम लगवाने के लिए महिला सरकारी अस्पतालों से लेकर निजी अस्पतालों तक के चक्कर लगाती रही लेकिन पूरे गाजियाबाद में सीरम उपलब्ध नहीं थी। काफी प्रयास के बाद एक निजी क्लीनिक ने दिल्ली से सीरम मंगवाकर महिला को लगाई।
हथेली में आठ जगह काटा
गाजियाबाद के चिरंजीव विहार में रहने वाली 60 वर्षीय कुसुम सिंह ने घर में दो कुत्तों को पाला हुआ है। उनके पति सेल्स टैक्स विभाग से आयुक्त के पद से रिटायर्ड है। कुसुम सिंह ने बताया कि कुत्तों को खाना खिलाने के दौरान वे आपस में लड़ने लगे, जिन्हें छुड़ाने के लिए वे उनके पास गई। इस दौरान एक कुत्ते ने उनकी हथेली पर बुरी तरह से काट लिया, जिससे उनकी हथेली पर आठ जगह गहरे घाव हो गए और मांस बाहर आ गया। कुसुम सिंह इलाज के लिए एक निजी डॉक्टर के पास टिटनेस और एंटी रेबीज वैक्सीन का टीका लगवाने के लिए क्लिनिक पर पहुंची। जहां डॉक्टरों ने जख्म को देखते हुए उन्हें सीरम लगवाने की सलाह दी।
सरकारी अस्पताल में नहीं मिला सीरम
गाजियाबाद स्थित जिला एमएमजी अस्पताल पहुंची। लेकिन वहां सीरम उपलब्ध नहीं थी। इसके बाद वे सीरम लगवाने के लिए संजय नगर स्थित संयुक्त अस्पताल पहुंची लेकिन वहां भी सीरम उपलब्ध नहीं थी। जिसके बाद उन्होंने कई निजी मेडिकल स्टोर और क्लीनिक पर सीरम के लिए संपर्क किया लेकिन कहीं भी सीरम नहीं मिला।
दिल्ली से मंगवाकर महिला को लगाया सीरम
सरकारी और निजी क्लीनिक पर सीरम नहीं मिलने के बाद वे डॉ बीपी त्यागी की ओपीडी में पहुंची, जहां डॉ. ने दिल्ली से सीरम मंगवा कर महिला को लगाया। बता दे कि शासन के निर्देश पर संयुक्त जिला अस्पताल में एंटी रेबीज क्लीनिक खोला गया है। साथ ही क्लीनिक में कुत्ते काटने पर पूर्ण उपचार की व्यवस्था के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके बावजूद भी यहां सीरम उपलब्ध नहीं है।
सीरम के लिए शासन को लिखा पत्र
एंटी रेबीज वैक्सीन के नोडल अधिकारी डॉक्टर आरके गुप्ता ने बताया कि सीरम के लिए शासन को मांग पत्र भेजा गया है। कुत्ते काटे के गहरे जख्म होने पर कुछ मरीजों को विशेष व्यवस्था में सीरम लगाया जाता है। गाजियाबाद के सरकारी अस्पतालों द्वारा ऐसे मरीजों को दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है।