Ghaziabad News : मोबाइल चोरी होने के बाद लोग एफआईआर दर्ज कराकर और सिम ब्लॉक करवाकर निश्चिंत हो जाते हैं, लेकिन यह लोगों की भूल हैं। सिम ब्लॉक होने के बाद भी आपका सारा डाटा फोन में ही रहता है। लोग भूल जाते हैं कि फोन में सोशल मीडिया, गूगलपे, पेटीएम और फोनपे जैसे आदि ऐप फोन में लॉगिन रह जाते हैं। जिससे उनके साथ ठगी हो सकती हैं। ऐसी कई शिकायतें साइबर सेल में आने लगी हैं।
गाजियाबाद में आए 2 दर्जन से अधिक मामले
ऐसा ही एक केस मधुबन बापूधाम थाना क्षेत्र में सामने आया है। जहां एक अकाउंटेंट का मोबाइल चोरी हो गया था। फोन चोरी होने बाद उसके बैंक खाते से पैसे निकलने लगे। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया लगभग ऐसे 20-25 केस सामने आए हैं।
यूपीआई से निकले 29 हजार रुपए
दुहाई के रहने वाले आकाश ने बताया कि वह दुकान पर सामान लेने के लिए गया था। जहा उसका मोबाइल चोरी हो गया। उसने अपने नंबर पर कई बार कॉल की, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। जिसके बाद उसके फोनपे से यूपीआई का प्रयोग करते हुए 29 हजार निकाल लिए। यह घटना 3 नवंबर 2021 की है। इस मामले में साइबर सेल की रिपोर्ट दिसंबर में आ गई थी।
डेटा बेचा जाता है
चोर मोबाइल को चोरी कर दिल्ली जैसे विभिन्न मोबाइल मार्केट में जाते हैं। जहां बड़े-बड़े मोबाइल एक्सपर्ट रहते हैं, जो मोबाइल को खोल कर उसमें से आपका पर्सनल डेटा निकालते हैं। फोन में से डाटा निकाल कर उसे बेच देते हैं, जैसे की प्राइवेट फोटो और वीडियो जो आपके फोन में रहती हैं। जिसका गलत तरीके से प्रयोग किया जाता है।
इन बातों का रखें अवश्य ध्यान
अगर आपका फोन कहीं खो जाए या चोरी हो जाता है। तो सबसे पहले सिम को ब्लॉक कराए और पास के पुलिस थाने में एफआईआर लिखवाए। इसके बाद आप दूसरे फोन और कंप्यूटर से अपने सोशल मीडिया, फोनपे और पेटीएम आदि जैसे ऐप की आईडी लॉगआउट कर दे।