चुनावी हार के महारथियों का मंच पर जलवा, MLA का नाम गायब!

गाजियाबाद विधानसभा उपचुनाव : चुनावी हार के महारथियों का मंच पर जलवा, MLA का नाम गायब!

चुनावी हार के महारथियों का मंच पर जलवा, MLA का नाम गायब!

Tricity Today | कार्यकर्ता सम्मेलन में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का मंच।

Ghaziabad News : गाजियाबाद विधानसभा उपचुनाव के लिए कार्यकर्ताओं में दम भरने पहुंचे सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के मंच पर चुनाव हारने वाले महारथ ह‌ासिल नेता ही ज्यादा दिखे। हो सकता है कि यह गठबंधन धर्म निभाने की मजबूरी रही हो, पर सच्चाई तो यही है। शायद यह भी गठबंधन धर्म की मजबूरी रही हो कि सपा अध्यक्ष के मंच पर पार्टी सरधना विधायक अतुल प्रधान को भी जगह नहीं मिली और पुलिस अधिकारियों ने प्रोटोकॉल का हवाला देकर अतुल प्रधान को इसलिए मंच से उतार दिया कि उनका नाम उस सूची में शामिल नहीं था, जो मंच के ‌लिए बनी थी, हालांकि सपाई बाद में विधायक को मंच दिलाने में कामयाब रहे।

तीन चुनाव हार चकी हैं डॉली शर्मा
अखिलेश यादव के मंच पर दिखे कांग्रेसियों में सतीश शर्मा को छोड़कर सभी ऐसे नेता नजर आए जो चुनाव तो लड़े लेकिन कभी जीत का मुंह नहीं देख पाए। पूरे कार्यक्रम के दौरान मंच में सबसे आगे दिखने वाली कांग्रेस प्रवक्ता डॉली शर्मा को ही ले जी‌जिए। वह कांग्रेस के टिकट पर दो लोकसभा और एक मेयर चुनाव लड़ चुकी हैं लेकिन हर बार उनके हिस्से हार ही आई। उनके पिता नरेंद्र भारद्वाज भी मंच पर दिखे, लेकिन चुनाव के मामले में उनके हिस्से कभी जीत नहीं आई।

विजय चौधरी भी हार चुके हैं मेयर चुनाव
कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष भी अखिलेश यादव के मंच पर दिखे, लेकिन वह भी कभी चुनाव नहीं जीत पाए। मेयर चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर विजय चौधरी को भी हार ही हाथ लगी। मंच पर अखिलेश यादव की पिछली लाइन में नजर आए पूर्व जिलाध्यक्ष बिजेंद्र यादव की स्थिति भी ऐसी है। डॉली शर्मा के बाद अखिलेश यादव की बगल में बैठे दिखे वरिष्ठ सपा नेता जितेंद्र यादव एमएलसी नामित होकर जरूर उच्च सदन में पहुंच गए लेकिन चुनाव लड़ने के बाद उन्हें भी हार ही नसीब हुई।

सुशांत गोयल में कांग्रेस के हारे हुए लड़ैया हैं
अखिलेश यादव के कार्यक्रम में अगुवा नजर आए कांग्रेसियों में एक नाम सुशांत गोयल का भी है, लेकिन सुशांत गोयल भी चुनाव हारने वालों की सूची में शुमार हैं। अब देखना यह है कि अखिलेश यादव ने द्वारा दी गई “बूस्टर” डोज गाजियाबाद के सपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर कितना असर करती है। मतदान अभी भी 15 दिन का समय शेष है, जैसा सपा मुखिया ने कार्यकर्ता सम्मेलन के जर‌िए आह्वान किया है, उसका कितना असर होता है, यह तो 23 नवंबर को मतगणना के बाद ही पता चलेगा।

सुरेंद्र कुमार मुन्नी नहीं आए नजर
2004 में गाजियाबाद विधानसभा सीट को सपा की झोली में डालने वाले खांटी नेता सुरेंद्र कुमार मुन्नी अखिलेश यादव के कार्यक्रम में नजर नहीं आए। गाजियाबाद में सुरेंद्र कुमार मुन्नी की पकड़ है और चुनाव लड़ने की समझ भी। सपा से उम्मीदवार घोषित होने से पहले सुरेंद्र कुमार मुन्नी का नाम भी चर्चा में आया था।

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