Ghaziabad News : गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (Ghaziabad Development Authority) के विधि अनुभाग के कर्मचारियों की लापरवाही अब लंबित केस में नहीं चल पाएगी। जीडीए के लगभग तीन हजार से ज्यादा वाद सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, सिविल कोर्ट व एनजीटी आदि में चल रहे हैं। लंबित केस में अब प्रभावी ढंग से कार्रवाई हो सकेगी। इसके लिए जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वर्ष और सचिव राजेश कुमार सिंह के कंप्यूटर पर एक सप्ताह पहले ही लंबित कैसे का अलर्ट आना शुरू हो जाएगा। जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स जीडीए की माली हालत सुधारने के लिए लगातार बेहतर प्रयासों में जुटे हुए हैं।
यह है पूरा मामला
जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बताया कि विधि अनुभाग में बाबुओं की चुनाव बाद संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी। वहीं, दो प्रोग्रामर की फिलहाल तैनाती कर दी गई है। उन्होंने बताया कि जीडीए के विभिन्न कोर्ट में लगभग 3000 केस लंबित चल रहे हैं। विधि अनुभाग में दो प्रोग्रामर की तैनाती करने के साथ ही दो सहायक अभियंता और चार बाबू की भी जल्द तैनाती की जाएगी। फिलहाल विभाग में बाबुओं की कमी होने की वजह से कोर्ट में लंबित वादों की फाइलें तैयार करने में दिक्कत हो रही है। ऐसी स्थिति में जीडीए की तरफ से कोर्ट में वकील के जरिए प्रभावी रूप से कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
समय से होगा निस्तारण
जीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि कोर्ट में लंबित वादों की कंप्यूटर पर पूरी जानकारी रहेगी। वहीं, एक सप्ताह पहले ही कंप्यूटर पर संबंधित केस के मामले में अलर्ट आना शुरू हो जाएगा। इसके लिए सिस्टम में सभी वादों को अपडेट कराया जाएगा। जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने प्रोग्रामर तैनात करने के बाद लंबित वादों की फाइलों को तैयार कर उनकी पूरी सूची बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा आइजीआरएस पोर्टल पर दर्ज होने वाली शिकायतों का निस्तारण भी समय पर कराया जाएगा। janhit.up.com पर आने वाली शिकायतों का भी समय बद्ध तरीके से निस्तारण कराया जाएगा। जीडीए की हेल्पलाइन पर पूर्व में 312 शिकायत थी इनमें से अधिकांश का निस्तारण कराया जा चुका है।