दो वोटों के फेर में फंसी हरेंद्र गौतम की डिक्लेरेशन

गाजियाबाद बार एसोसिएशन चुनाव : दो वोटों के फेर में फंसी हरेंद्र गौतम की डिक्लेरेशन

दो वोटों के फेर में फंसी हरेंद्र गौतम की डिक्लेरेशन

Tricity Today | बार चुनाव में हुई कथित मारपीट के बाद अस्पताल में हरेंद्र गौतम समर्थक

Ghaziabad News : बार एसोसिएशन चुनाव में सचिव पद सबसे ज्यादा वोट पाए सचिव पद प्रत्याशी हरेंद्र गौतम की डिक्लेरेशन दो वोटों के फेर में फंसी है। चुनाव समिति के सदस्य एडवोकेट नाहर सिंह यादव का कहना है कि कल हुआ मतदान में सचिव पद के लिए 2553 वोट पड़े थे, जबकि मतगणना के दौरान गिनती हुई है 2555 वोटों की। हरेंद्र गौतम को 892 और उनके निकटतम प्रतिद्वंदी अमित नेहरा को 891 वोट मिले हैं। एडवोकेट वरुण त्यागी 754 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे। ऐसे में जीत का अंतर मात्र एक वोट है और मतदान और मतगणना के बीच दो वोटों का अंतर आ रहा है। यह दो वोट यदि इनमें से किसी एक प्रत्याशी के खाते में चले गए हैं तो परिणाम को प्रभावित करने वाले साबित होंगे, इसलिए हरेंद्र गौतम को निर्वाचित घोषित नहीं किया जा रहा है। इस मुद्दे का हल पूरी चुनाव समिति बैठकर निकालेगा, और प्रत्याशियों को उसे मानना होगा। खबर लिखे जाने तक हरेंद्र गौतम धरने पर बैठे थे।

दीपक शर्मा 768 वोटों से हुए हैं विजयी
बार एसोसिएशन के चुनाव पर अध्यक्ष पद पर निर्वाचित घोषित किए गए दीपक शर्मा 768 वोटों से विजयी घोषित किए गए है। उन्हें कुल 1579 वोट  मिले हैं जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी योगेंद्र कौशिक को कुल 811 वोट मिले हैं। अध्यक्ष पद के चार प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। सूरजपाल सिसौदिया 117 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे और बीसी बंसल को मात्र 42 वोट पाकर संतोष करना पड़ा। 

कचहरी में दिन भर रहीं सर‌गर्मियां
सचिव पद पर किसी के निर्वाचित होने की घोषणा न हो पाने के चलते कचहरी में दिनभर सरगर्मियां जारी रहीं। सबसे अधिक वोट पाने वाले हरेंद्र गौतम बार सभागार के बाहर समर्थकों के साथ धरने पर रहे तो अमित नेहरा अपने समर्थकों के साथ सभागार के अंदर बैठे रहे। हरेंद्र गौतम ने समर्थकों के साथ मारपीट का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी है। अमित नेहरा का कहना है कि निर्वाचन की घोषणा होने से पहले ही एक प्रत्याशी ने खुद को विजयी घोषित कर दिया, हम इस बात का विरोध कर रहे हैं। 

पंजीकरण शुल्क कम करेंगे : नव‌निर्वाचित अध्यक्ष
नवनिर्वाचित बार अध्यक्ष दीपक शर्मा का कहना है कि नए अधिवक्ताओं से बार में पंजीकरण का शुल्क 5100 रुपए लिया जा रहा है, शुल्क घटाकर 1100 रुपए करेंगे। इतना ही नहीं यदि कोई अधिवक्ता आर्थिक रूप से कमजोर है तो निशुल्क पंजीकरण का भी विकल्प रहेगा। क्योंकि पंजीकरण के लिए आने वाले अधिकतर अधिवक्ता स्ट्रगलर ही होते हैं, बार एसोसिएशन उनका सहयोग करेगी। कोविड के समय मिला 20 लाख रुपए का फंड अधिवक्ताओं की ट्रेनिंग और बार की लाईब्रेरी को बेहतर बनाने में किया जाएगा। पुस्तकें खरीदी जाएंगी। नए चैंबर्स के लिए पार्किंग की व्यवस्था करेंगे।

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