धूमधाम से मना बसंत पंचमी का त्यौहार

बसंत पंचमी विशेष : धूमधाम से मना बसंत पंचमी का त्यौहार

धूमधाम से मना बसंत पंचमी का त्यौहार

Tricity Today | बसंत पंचमी का त्यौहार ज्ञान की देवी सरस्वती को समर्पित है

Ghaziabad : बसंत पंचमी का त्यौहार ज्ञान की देवी सरस्वती को समर्पित है। अर्वाचीन भारतीय पब्लिक स्कूल, अवंतिका में विश्व ब्रह्मऋषि ब्राह्मण महासभा के तत्वाधान में बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर ज्ञान की देवी मां सरस्वती का हवन-पूजन बडे जोर शोर से हुआ।

संस्थापक ने बताया बसंत पंचमी का महत्व
बी के शर्मा हनुमान, संस्थापक, राष्ट्रीयअध्यक्ष ब्रह्मऋषि विभूति कहते है, "हमारे देश में बसंत पंचमी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती देवी का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन देवी सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। पुरातन युग में, इस दिन राजा सामंतों के साथ हाथी पर बैठकर नगर का भ्रमण करते हुए देवालय पहुंचते थे। वहां विधि पूर्वक कामदेव की पूजा की जाती थी और देवताओं पर अन्न की बालियां  चढ़ाई जाती थीं।

क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी
बी के शर्मा हनुमान, संस्थापक/राष्ट्रीयअध्यक्ष ब्रह्मऋषि विभूति कहते है, "बसंत पंचमी पर हमारी फसलें-गेहूँ, जौ, चना आदि तैयार हो जाती हैं इसलिए इसकी खुशी में हम बसंत पंचमी का त्योहार मनाते हैं। सभी में अपूर्व उत्साह और आनंद की तरंगें दौड़ने लगती हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह ऋतु बड़ी ही उपयुक्त है। इस ऋतु में प्रात:काल भ्रमण करने से मन में प्रसन्नता और देह में स्फूर्ति आती है। स्वस्थ और स्फूर्तिदायक मन में अच्छे विचार आते हैं।"

'बसंत ऋतु का अपना अलग ही महत्व है'
लोकेश कौशिक, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष, विश्व ब्रह्मर्षि ब्राह्मण महासभा और चेयरमैन,अर्वाचीन भारतीय पब्लिक स्कूल के अनुसार, "हमारे देश में छः ऋतू होती हैं, जो अपने क्रम से आकर अपनी रंगीन छठा बिखेरती है, लेकिन बसंत ऋतु का अपना अलग ही महत्व है। इसीलिए बसंत ऋतुओं का राजा कहलाता है। इसमें प्रकृति का सौन्दर्य सभी ऋतुओं से बढ़कर होता है। वन-उपवन अलग अलग पुष्पों से जगमगा उठते हैं। गुलमोहर, चंपा, सूरजमुखी और गुलाब के पुष्पों के सौन्दर्य से आकर्षित रंग-बिरंगी तितलियों और मधुमक्खियों के मधुरस पान की होड़-सी लगी रहती है। इनकी सुंदरता देखकर मनुष्य भी खुशी से झूम उठता है। विद्यार्थियों के लिए भी यह त्योहार बहुत आनंददायक होता है।"

गणमान्य अतिथियों ने उपस्थिति दर्ज की
इस पर्व पर विद्यालयों में सरस्वती पूजा होती है और शिक्षक विद्यार्थियों को विद्या का महत्त्व बताते हैं तथा पूरे उल्लास के साथ पढ़ने की प्रेरणा देते हैं इस अवसर पर  प्रधानाचार्य श्रीमती शालिनी कौशिक, नीतू राणा, छाया गुप्ता, अमित चौधरी, मोहित चौधरी, अनुज चौधरी, दीप्ति कक्कड़, रेनू शर्मा, कविता शर्मा, श्वेता,आदि सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं लोग उपस्थित थे

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