Became A Beautiful Girl Brother In Law And Along With Brothers Cheated 700 People Of Lakhs The Whole Business Used To Run On This Platform
गाजियाबाद में बड़े हनीट्रैप गैंग का पर्दाफाश : खूबसूरत लड़की बन बहनोई और भाइयों के साथ मिलकर 700 लोगों से की लाखों की ठगी, इस प्लेटफार्म पर चलता था सारा धंधा
Ghaiabad News : सोशल मीडिया पर वीडियो कॉलिंग कर ब्लैकमेल कर देश के विभिन्न राज्यों के हजारों लोगों से ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह के शातिर आरोपी और फर्जी क्राइम ब्रांच अधिकारी विक्रम राठौर को गाजियाबाद ने गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपित पहले फेसबुक पर लड़की के नाम से फर्जी आईडी बनाता था और फिर फेसबुक के माध्यम से लोगों को फंसाते थे। मोबाइल सिम पूर्वोत्तर राज्यों की फर्जी आईडी पर रजिस्ट्रेड होते थे।
अफसर बन कई लोगों की दी धमकी
फर्जी आईडी की सिम को आरोपी का बहनोई उपलब्ध कराने में मदद करता था। उसके बाद वह उस आईडी पर अश्लील और आपत्तिजनक फोटो लगाते थे। उसी सोशल मीडिया आईडी से लोगों से चैट करते हुए वह उनके व्हाट्सएप नंबर लेकर उनके साथ अश्लील वीडियो चैट और कॉल शुरू कर देते थे। जिसके स्क्रीन शॉट और वीडियो रिकॉर्ड करने के बाद कॉलर को ब्लैकमेल करने का काम शुरू होता था। सीधे तौर पर पैसे की मांग होती थी, नहीं देने पर आपत्तिजनक वीडियो को वायरल करने की धमकी देने लगते थे। इन्हीं में से कुछ लोग क्राइम ब्रांच का अधिकारी, आईटी हेड और सोशल मीडिया मैनेजर बनकर लोगों को डराने का काम करते थे। जिससे कि वह पैसे खाते में ट्रांसफर कर दें। आरोपी पिछले करीब 3 साल से लगातार ठगी की वारदात को अंजाम देता आ रहा था।
कई बार बदली लोकेशन
एसपी क्राइम दीक्षा शर्मा ने बताया कि क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दकी, एसआई अरूण कुमार मिश्रा, सत्यवीर सिंह की टीम ने आरोपी जासिम पुत्र लखपत निवासी बाईखेडा फिरोजपुर झिरका नूॅह राजस्थान को देर रात मधुबन बापूधाम थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के खिलाफ साइबर सैल में पिछले काफी समय से शिकायत मिल रही थी। जिनकी गिरफ्तारी के लिए टीम प्रयास कर रही थी, लेकिन आरोपी बीच-बीच में अपनी लोकेशन को बदल-बदलकर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे।
बहनोई समेत चार लोग फरार
उन्होंने बताया कि गिरोह में आरोपित का बहनोई समेत चार लोग फरार है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए टीम प्रयास कर रही है। जासिम शातिर किस्म का है, जो कि फर्जी नंबर से फेसबुक पर लड़की के नाम से फर्जी आईडी बनाता है और फेसबुक पर लोगों को फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजकर चैट करता है।
कई बार बदली लोकेशन
शुरूआती बातचीत करते-करते प्यार का झूठा नाटक करते हुए लोगों का व्हाट्सअप नंबर ले लेते थे। फिर अपने फर्जी नंबर से व्हाट्सअप नंबर पर वीडियो कॉल और चैट करते थे। लोगों को पहले लड़की बनकर झूठी प्यार की बातें कर उकसाते थे, फिर वीडियो कॉल करने से पहले दुसरे मोबाइल से मोबाइल के पास रखकर अश्लील वीडियो दिखाकर सामने वाले की रिर्काडिंग कर लेते थे। 3, 4 बार इस तरह वीडियो कर उसकी वीडियो पर स्क्रीन शॉट ले लेते थे। फिर जासिम क्राइम ब्रांच का डीसीपी/डिप्टी एसपी/अधिकारी विक्रम राठौर और अन्य नाम से पुलिस वाला बनकर सामने वाले को कॉल करके लड़की के नाम से की गई शिकायत पर डराते और धमकाते थे। सामने वाले को शक न हो इसके लिए खुद ही वीडियो वायरल होने वाले की बात कहकर यू-ट्यूब मैनेजर गौरव मल्हौत्रा नाम के युवक का खुद ही नंबर देते थे। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल की धमकी से सामने वाला युवक खुद ही डर जाता था और इज्जत के डर से पुलिस में शिकायत करने से भी डरता था। इसलिए आरोपी पिछले 2 से 3 साल तक लगातार इसी तरह ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे थे।
दसवीं फेल है आरोपी
क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी ने बताया कि जासिम बहुत शातिर है, जो कि दसवीं फेल है, जिसने अपने जीजा से हनीट्रैप गैंग चलाने का तरीका सीखा था। ब्लैकमेलिंग के इस धंधे में अपने चचेरे, फुफेरे, ममेरे और तहेरे भाइयों को शामिल कर गैंग तैयार कर लिया था। कोई भाई लड़की के नाम से फेसबुक अकाउंट बनाकर लोगों के पास फ्रैंडरिक्वेस्ट भेजने का काम करता था, तो कोई चैट करने का काम करता था। यह करीब पांच लोगों का गिरोह है। जिसे नॅूह राजस्थान से ऑपरेट किया जा रहा था।
700 लोगों से लाखों रुपए ठगे
आरोतिप दिल्ली-एनसीआर, मेरठ, आगरा और मथुरा समेत विभिन्न जनपदों में करीब 500 से 700 लोगों से 40 से 50 लाख रूपए की ठगी की वारदात को अंजाम दे चुके है। आरोपित फर्जी सिम व मोबाइल एवं आईडी से खाते भी फर्जी खुलवाए हुए थे। रूपयों को पेटीएम, फोन-पे, गूगल-पे और एयरटेल पैंमेट बैंक नंबर पर भी डरवाते थे। रूपए आने के बाद आरोपित पांच हिस्सो में बांट लेते थे। गिरोह के अन्य सदस्यों की भी तलाश की जा रही है। आरोपी मंहगे शौक पूरा करने के लिए ठगी की वारदात को अंजाम दे रहा था। पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए बीच-बीच में अपनी लोकेशन भी बदलते रहते थे। सोशल मीडिया पर लड़की के नाम से सैकड़ों फर्जी बनाई हुई है। वारदात को अंजाम देने के बाद आईडी को बंद कर देते थे या फिर सामने वाले को ब्लॉक कर देते थे। फिर नई आईडी बनाकर ठगी के लिए अगला शिकार ढूंढने के लिए फेंड रिक्वेस्ट भेजने और बात करना शुरू कर देते थे। जल्द फरार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।