गाजियाबाद में अवैध रिफलिंग का भंडाफोड़, चार टैंकर के साथ 6 गिरफ्तार

क्राइम ब्रांच का बड़ा खुलासा : गाजियाबाद में अवैध रिफलिंग का भंडाफोड़, चार टैंकर के साथ 6 गिरफ्तार

गाजियाबाद में अवैध रिफलिंग का भंडाफोड़, चार टैंकर के साथ 6 गिरफ्तार

Tricity Today | क्राइम ब्रांच ने मौके से कब्जे में लिए गैस कैप्सूल


Ghaziabad News : क्राइम ब्रांच की टीम ने शनिवार को बड़ा खुलासा किया है। टीम ने मसूरी थानाक्षेत्र में अवैध गैस रिफलिंग का बड़ा भंडाफोड़ किया। पाईपलाइन रोड पर लोनी स्थित गैस प्लांटों से निकलने वाले बड़े- बड़े कैप्सूल (टैंकर) में सेंध लगाकार शातिर बड़े स्तर पर अवैध रिफलिंग करते पकड़े गए हैं। कैप्सूल ड्राईवरों की मिली भगत से अभियुक्त पिछले दो साल से यह गोरखधंधा कर रहे थे। क्राइम ब्रांच की टीम ने छापा मारकर चार कैप्सूल ड्राईवर और दो अवैध रिफलिंग करने वाले दो शातिरों को मौके से दबोच लिया।  पुलिस ने मौके से गैस प्लांट से सप्लाई के लिए निकले चार कैप्सूल और भारी मात्र में भरे और खाली सिलेंडर बरामद किए हैं। 

2012 में ग्रेजुएट सुंधाशु है मास्टर माइंड 
पुलिस ने गैंग का भंडाफोड़ करते हुए बताया कि आगरा निवासी सुधांशु सिंह पुत्र मान सिंह, इस गोरखधंधे का मास्टर माइंड है। 2012 में ग्रेजुएट होने के बाद सुधांशु ने आगरा की आदित्य गैस सर्विस नाम की एजेंसी से घरेलू सिलेंडरों की होम डिलीवरी का काम शुरू किया था। अवैध रिफलिंग में मास्टर तो सुधांशु वहीं से हो गया था। बाद में उसने हरियाणा के रोहतक में मेहर गैस सर्विस पर काम किया। इस दौरान वह प्लांट से गैस सप्लाई करने वाली कैप्सूल डाईवरों की संपर्क में आया और नौकरी छोड़कर अवैध रिफलिंग के बड़े धंधे में लग गया। 

सुधांशु की सबसे पहले पुष्पेंद्र और हरप्रीत से मुलाकात हुई
लोनी में गैस प्लांट से कैप्सूल लेकर दूर दूर तक सप्लाई करने वाले ड्राईवरों में सुधांशु की सबसे पहले पुष्पेंद्र और हरप्रीत से मुलाकात हुई थी। पुष्पेंद्र अलीगढ़ का है और हरप्रीत रामपुर जनपद का। दोनों से सुधांशु की डील हो गई कि एक कॉमर्शियल सिलेंडर एक हजार रुपए में भरा जाएगा। रिफलिंग के लिए ठिकाना फिक्स हो गया पाईपलाइन रोड पर। कल्लूगढ़ी फाटक के पास सुनसान जगह पर रिफलिंग होती और सुधांशु अपने लोगों के साथ सिलेंडर भरवाकर अपने रस्ते हो जाता। कैप्सूल अपने गंतव्य की ओर।

दिल्ली में ज्यादा काम संभालता था करण 
इस गोरखधंधे में सुधांशु ने  दिल्ली निवासी करण पुत्र नरेश को भी अपने साथ लगा लिया। करण से उसे दिल्ली में ढाबों और होटलों पर सिलेंडर सप्लाई करने में बड़ी मदद मिली। इससे पहले ही दिल्ली की एजेंसियों से ही दोनों ने मिलकर भारी मात्रा में कॉमशियल सिलेंडर खरीदे। इस सिलेंडर में 19 किलो एलपीजी आती है। ढाबों को एजेंसी से सिलेंडर मिलने में दिक्कत आती है, इन लोगों ने सस्ते में होटल - ढाबों पर डिलीवरी शुरू कर दी।

फिर दो और ड्राईवरों बहादुर और दिनेश से संपर्क हुआ
सुधांशु की सप्लाई बढ़ रही थी, अब उसे ज्यादा सिलेंडरों की जरूरत पड़ने लगी। सुधांशु के कहने पर चालक पुष्पेंद्र और हरप्रीत ने उसकी दो और चालकों की मुलाकात कराई। ये दोनों थे रामपुर निवासी बहादुर सिंह और अलीगढ़ निवासी दिनेश पुत्र सुंदर। अब सैटिंग वाले कैप्सूल चालक दो से चार हो चुके थे। हर एक कैप्सूल से पांच छह सिलेंडर गैस रिफिल किए जाते थे। हर सिलेंडर एक हजार रुपए की आय संबंधित ड्राईवर की हो जाती और सुधांशु इन सिलेंडरों को ढाबों और होंटल पर सप्लाई कर पैसा वसूल लेता। 

सूचना पर क्राइम ब्रांच ने मारा छापा
सुधांशु और  उसके साथी करण का धंधा अच्छा चल रहा था। ड्राईवरों की भी बढिया कमाई हो रही थी। इस बीच गाजियाबाद कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच टीम को इस गोरखधंधे की भनक लग गई। टीम ने शनिवार तड़के तीन बजे पाइपलाइन रोड पर कल्लूगढ़ी फाटक के पास छापा मारकर इस गोरखधंधे का भंडाफोड़ कर दिया। पुलिस ने मौके से चार ड्राईवर हरप्रीत, पुष्पेंद्र, दिनेश और बहादुर सिंह के साथ ह‌ी सुधांशु और करण को भी गिरफ्तार कर ‌लिया।

ये हुई बरामदगी
पुलिस ने मौके से हिन्दुस्तान पेट्रोलियम और इंडेन के द्रवित पेट्रोलियम गैस के दो-दो बड़े कैप्सूल (टैंकर) बरामद किए हैं। इसके अलावा विभिन्न कंपनियों के 25 भरे हुए और नौ खाली कॉमर्शियल गैस सिलेंडर बरामद किए हैं। मौके से दो रिफलिंग मशीन, 10 बड़े पाईप और एक टाटा इंट्रा वी-20 गाडी भी बरामद की है।

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