Ghaziabad News : दो बहनों के इकलौते भाई 15 वर्षीय सक्षम की मौत से परिवार भयंकर सदमे में हैं। परिवार के लिए न्याय की मांग को लेकर बाल्मीकि समाज ने शनिवार शाम मालीवाड़ा चौक पर मानव श्रृंखला बनाकर जाम लगा दिया। कुछ ही देर में मालीवाड़ा चौक लोगों से ठसाठस भर गया। सक्षम की मां चीख- चीखकर इंसाफ की मांग कर रही थी और आंसू थे कि थमने का नाम नहीं ले रहे थे। हम उसी सक्षम की बात कर रहे हैं जो शराब के नशे में प्रणव द्वारा होड़ा अमेज कार से रौंद दिया गया। हालांकि प्रणव अब सलाखों के पीछे हैं। पीड़ित परिवार का कहना है कि जिस कार ने टक्कर मारी थी, उसमें तीन-चार लोग सवार थे। पुलिस ने अभी तक केवल प्रणव को ही गिरफ्तार किया है, बाकी के मामले में पुलिस कुछ नहीं बता रही।
एक ही शहजादा था वो चला गया
मालीवाड़ा चौक पर जाम और प्रदर्शन के दौरान सक्षम की मां कह रही है कि मोदी- योगी जी हमें इंसाफ दीजिए। दो लाशें एक साथ हमारे घर से उठीं हैं। हम बर्बाद हो गए। हाथ जोड़कर एक ही विनती, मोदी जी हम से आकर मिलिए, मोदी जी हमारा घर देखिए। मेरी दो बेटियां हैं शहजादा एक ही था, वो चला गया। अब हम कैसे जिएंगे। किसके सहारे जिएंगे। भीड़ के बीच में सत्यम पंडित को भी लोगोंं को समझाते देखा गया।
एसीपी ने पोंछे सक्षम की मां के आंसू
मालीवाड़ी पर जाम की सूचना पर एसीपी नंदग्राम सलोनी अग्रवाल मौके पर पहुंचीं और लोगों को समझाने का प्रयास किया। वह सक्षम की मां से मिलीं और गले लगाकर सांत्वना देने के साथ ही विलाप कर रही मां के आंसू भी अपने हाथों से पोछे। सलोनी अग्रवाल ने सक्षम की मां से कहा कि आपका दर्द मैं समझ सकती हूं। कानून अपना काम करेगा। बता दें कि गुरुवार को देर रात अंबेडकर रोड पर एक होंडा अमेज कार ने ई- रिक्शा को बुरी तरह रौंद दिया, जिससे रिक्शा सवार रिंकू सिंह और उनके 15 वर्षीय भतीजे सक्षम की मौके पर ही मौत हो गई थी। हादसे में एक अन्य घायल सोनू का दिल्ली में उपचार चल रहा है।
एसडी इंटर कॉलेज में स्वीपर था रिंकू, कालेज स्टाफ ने जुटाए पांच लाख
ई-रिक्शा सवार रिंकू सिंह शंभू दयाल इंटर कॉलेज में प्राइवेट सफाई कर्मचारी के तौर पर काम करता था, जबकि भतीजा सक्षम सिद्धार्थ इंटर कॉलेज में दसवीं कक्षा 10 का छात्र था। शंभू दयाल इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य देवेंद्र कुमार देव की पहले पर कॉलेज स्टाफ ने इस बुरे वक्त में रिंकू के परिवार की मदर करने के लिए आपस में चंदा कर लगभग पांच लाख रुपये जुटाए हैं।