Tricity Today | गाजियाबाद पुलिस की बड़ी कामयाबी, छात्रों को शिकार बनाकर लाखों की ठगी करने वाले 5 गिरफ्तार
केन्द्र एवं राज्य सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं में चयन कराने के नाम पर बेरोजगारों को ठगने वाले गिरोह का गाजियाबाद पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए गिरोह के पांच शातिर ठगों को फर्जी मार्कशीट, नियुक्ति पत्र, मोहर, लैपटॉप और प्रिंटर समेत गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि शिकंजे में आया गिरोह अब तक बहुत से बेरोजगार युवाओं को अपना निशाना बना चुका है और उनसे मोटी रकम ऐंठ चुका है।
एसपी सिटी अभिषेक वर्मा ने खुलासा करते हुए बताया कि जानकारी मिली की एक गिरोह ऐसा सक्रिय है, जो बेरोजगार युवाओं को अपने झांसे में लेकर उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं में चयन कराने के नाम पर ठगता है। गिरोह के सदस्यों को दबोचने के लिए जाल बिछाया गया। इसी क्रम में उसे सफलता मिल गई।
सोमवार तड़के एसएचओ संदीप सिंह, एसआई जोगेन्द्र कुमार, ब्रिजेश कुमार की टीम ने राजनरायन प्रताप सिंह उर्फ जूली पुत्र कमलेश निवासी फिरोजाबाद, राजदीप पुत्र रनवीर सिंह निवासी फिरोजाबाद, कुलदीप पुत्र सुभाष चन्द्र निवासी फरूखाबाद, राहुल पुत्र अरविंद कुमार निवासी फिरोजाबाद, सुरेन्द्र उर्फ छोटे पुत्र होतीलाल यादव निवासी फिरोजाबाद को गिरफ्तार किया। जिनके पास से घटना में प्रयुक्त अर्टिगा कार, लैपटॉप, प्रिंटर, स्कैनर, 8 मोबाइल, 10 एटीएम कार्ड, 14 आधार कार्ड, 33 मार्कशीट, 164 पासपोर्ट फोटो, 3 खाली चैक बुक, पेन कार्ड, मूल निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र बरामद किया गया।
एसपी सिटी ने बताया गिरोह का सरगना राजनरायन प्रताप सिंह है। जो कि परीक्षा में साल्वर के रूप में बैठने का अपराध करता है। पकड़े गए ठग उन बेरोजगार युवाओं को अपना निशाना बनाते थे, जो काफी परेशान थे और नौकरी की तलाश में भटक रहे थे। उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं में चयन कराने का पूरा आश्वासन दिया जाता था और इसकी एवज में उनसे मोटी रकम की मांग की जाती थी।
आरोपी पिछले कई वर्षो से बेरोजगार युवाओं से ठगी कर रहे है। जो कि लाखों रूपए की ठगी की वारदात को अंजाम दे चुके है। ठग लोगों को इस हिसाब से अपना शिकार बनाते थे कि उन पर किसी को शक नहीं होता था। बताया गया है कि रकम मिलने के बाद उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र भी दे दिया जाता था। इसके बाद ठग अपना ठिकाना बदल देते थे और दूसरी जगह जाकर पुन: बेरोजगारों को ठगने के लिए जाल बिछाते थे। पुलिस का दावा है कि अब तक पकड़े गए गिरोह के सदस्य बहुत से बेरोजगार युवाओं को अपना शिकार बना कर उनसे मोटी रकम ले चुके हैं।