Ghaziabad News : गाजियाबाद लोकसभा सीट पर इस बार काफी दिलचस्प मुकाबला होने जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस-सपा गठबंधन ने अपने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। वही बहुजन समाज पार्टी ने भी भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर देने के लिए पंजाबी समाज से अंशय कालरा को मैदान में उतारा है। माना जाता है कि गाजियाबाद का पंजाबी समाज सीधे तौर पर दोनों पार्टियों का मतदाता रहा है। बसपा के इस दांव से भाजपा और कांग्रेस दोनों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। देखने वाली बात यह है कि भाजपा के उम्मीदवार के लिए शुरु से विरोध देखने को मिल रहा है। जहां राजपूत और ब्राह्मण समाज भाजपा के उम्मीदवार का विरोध कर चुके है। वहीं भाजपा प्रत्याशी को शुक्रवार के दिन विरोध का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद उन्हें पार्टी हाईकमान ने रात में ही दिल्ली तलब किया।
पंजाबी समाज से है बीएसपी प्रत्याशी
माना जा रहा है कि पंजाबी बिरादरी से आने वाले अंशय कालरा के मैदान में आने से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अतुल गर्ग के लिए कड़ा मुकाबला होने वाला है। वहीं बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार ने अपनी पार्टी के सधे हुए वोटों के साथ यदि पंजाबी समाज के मतों को भी अपने पक्ष में लाने में कामयाब रहे तो भाजपा का मजबूत किला इस बार भेदा जा सकता है। पिछले लोक सभा चुनाव से तुलना करें तो पिछली बार इस सीट पर भाजपा को केवल बसपा ही टक्कर देने में कामयाब रही थी। बसपा के उम्मीदवार सुरेश बंसल दूसरे नंबर पर रहे थे। दावा किया जा रहा है कि गाजियाबाद के बहुत से स्थानीय नेताओं के लोकसभा चुनाव लड़ने की हसरतों पर अतुल गर्ग ने पानी फेर दिया है। ऐसे में बाकी सभी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।
कांग्रेस के लिए मुश्किल भरी राह
दो चुनाव हारने के बाद कांग्रेस-सपा गठबंधन की संयुक्त प्रत्याशी डॉली शर्मा बेहद सधी हुई रणनीति से तीसरा चुनाव लड़ने जा रही हैं। डॉली शर्मा को मुस्लिम मतदाताओं का भरपूर समर्थन मिल रहा है। वहीं इस बार टिकट को लेकर ब्राह्मण समाज भी भाजपा से नाराज दिख रहा है। गाजियाबाद की लोकसभा सीट पर ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या साढ़े पांच लाख से अधिक है, अगर डॉली शर्मा अपने समाज के मतदाताओं को अपने पक्ष में लाने में सफल हो जाती हैं तो गाजियाबाद की लोकसभा सीट पर भाजपा को झटका दे सकती है। इस सीट पर केवल एक बार कोई महिला जीती है। गाजियाबाद से वर्ष 1962 में कांग्रेस के टिकट पर कमला चौधरी ने जीत दर्ज की थी। जिसके बाद अब तक इस सीट पर कोई महिला जीत दर्ज नहीं कर पाई है।