पांच अवैध कालोनियां जमींदोज, जीडीए ने हिंडन डूब क्षेत्र में की ध्वस्तीकरण की कार्यवाही

गाजियाबाद में गरजा बुलडोजर : पांच अवैध कालोनियां जमींदोज, जीडीए ने हिंडन डूब क्षेत्र में की ध्वस्तीकरण की कार्यवाही

पांच अवैध कालोनियां जमींदोज, जीडीए ने हिंडन डूब क्षेत्र में की ध्वस्तीकरण की कार्यवाही

Tricity Today | मंगलवार को ध्वस्तीकरण की कार्यवाही करता जीडीए का बुलडोजर

Ghaziabad News : गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) का बुलडोजर अवैध निर्माणों पर जमकर गरजा। प्रवर्तन दस्ते ने हिंडन डूब क्षेत्र में पांच अवैध कालोनियों को जमींदोज कर दिया। इस दौरान निर्माणकर्ताओं ने विरोध करके जीडीए के बुलडोजर को रोकने का प्रयास किया लेकिन प्रवर्तन दस्ते ने बड़ी समझदारी और धैर्य का परिचय देते हुए अभियान को अंजाम देकर ही दम लिया। जीडीए वीसी अतुल वत्स का कहना है अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान जारी है और आगे भी रहेगा।

करहेड़ा, असालतपुर और सिकरानी में चला अभियान
जीडीए के पीआरओ ने बताया कि जीडीए वीसी के निर्देशन में प्रवर्तन जोन-8 के प्रभारी के द्वारा उप्र नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 की धारा-14 व 15 के प्राविधानों के अन्तर्गत करहेड़ा, असालतपुर (हिंडन डूब क्षेत्र), ग्राम सिकरानी, चिरौड़ी रोड, शगुन मैरिज हॉल के पास प्रेम नगर कालोनी एवं रामेश्वर पार्क के पास गढ़ी कटैया, लोनी में पूर्व निर्मित कुल पांच अवैध कालोनियों के साइट ऑफिस, सड़क, खडंजा और बाउण्ड्रीवाल का ध्वस्तीकरण  कर दिया।

स्थानीय पुलिस और जीडीए पुलिस का रहा सहयोग
अवैध निर्माण के खिलाफ चलाए गए अभियान के दौरान स्थानीय थाना पुलिस एवं प्राधिकरण पुलिस बल का पूरा सहयोग प्रवर्तन दस्ते को मिला। ध्वस्तीकरण अभियान में संबंधित सहायक अभियंता, अवर अभियंता और समस्त सुपरवाइजर स्टाफ के साथ शामिल रहे। जोन के संबंधित सहायक अभियंता, अवर अभियंता तथा सुपरवाईजर स्टाफ को निर्देशित किया गया कि सतत निगरानी रखते हुए यह सुनिश्चित किया जाये कि उक्त अवैध निर्माण पुनः न होने पाएं।

स्वीकृत मानचित्र पर ही करें निर्माण
जीडीए सचिव आरके सिंह ने आम जन से अपील की है कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में निवेश करने से पहले यह सुनिश्चित करना न भूलें कि संबंधित निर्माण स्वीकृत मानचित्र पर किया गया है या नहीं। इसके साथ ही उन्होंने निर्माण कर्ताओं को भी चेतावनी दी है कि बिना मानचित्र स्वीकृत कराए कोई निर्माण न करें। ऐसी निर्माणों के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्यवाही होनी निश्चित है।

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