बाल संरक्षण समिति से शिकायत, ASPA ने बताया तंग होकर कई छात्राएं छोड़ चुकी हैं स्कूल

गाजियाबाद में छात्राओं से छेड़छाड़ का मामला : बाल संरक्षण समिति से शिकायत, ASPA ने बताया तंग होकर कई छात्राएं छोड़ चुकी हैं स्कूल

बाल संरक्षण समिति से शिकायत, ASPA ने बताया तंग होकर कई छात्राएं छोड़ चुकी हैं स्कूल

Tricity Today | बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष जेपी भद्रदास को ज्ञापन सौंपते ASPA पदाधिकारी

Ghaziabad News : ऑल स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन (ASPA) ने छात्राओं से छेड़छाड़ के आरोपी टीचर की बाल संरक्षण समिति से ‌शिकायत की है। एसोसिएशन की अध्यक्ष ‌शिवानी जैन और महासचिव सचिन सोनी ने समिति के अध्यक्ष जेपी भद्रदास से उनके कार्यालय में मिले। उनके साथ उत्तर प्रदेश सरकार पेंशनर्स एसोसिएशन के महासचिव आरपी सारस्वत और आडब्ल्यूए महासचिव देवेंद्र मलिक भी मौजूद रहे। सभी ने बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष जेपी भद्रदास से मिलकर आरोपी टीचर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

शिक्षण जैसे संवेदनशील कार्य में ऐसे टीचर्स होना दुर्भाग्यपूर्ण
ASPA पदाधिकारियों ने बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष को को शिकायती पत्र सौंपते हुए कहा कि राजू जैसे शिक्षकों का शिक्षण कार्य से जुड़ा होना दुर्भाग्यपूर्ण है। सहायक शिक्षक राजू के व्यवहार और घिनौनरी हरकतों से परेशान होकर कई छात्राएं स्कूल छोड़ चुकी हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालय मनौली में पढ़ाने वाले सहायक अध्यापक राजू स्कूल में अध्धयनरत छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और अभद्रता करता था, लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से शिक्षक के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाए उसे अध्यापन जैसे महत्वपूर्ण कार्य से जुडा रखा गया तथा वर्तमान प्रकरण में भी अध्यापक के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने के बजाए उसे निलंबित करके एक जाँच कमेटी का गठन किया गया है जो कि 15 दिनों में अपनी जाँच जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को प्रस्तुत करेगी।

मामले पर बाल संरक्षण ‌समिति का संज्ञान न लिया जाना गंभीर बात
एसोसिएशन के महासचिव सचिन सोनी ने श्री भद्रदास को बताया गया कि अत्याधिक गंभीर मामला होने के बाद भी जनपद स्तरीय बाल कल्याण समिति का संज्ञान न लिए जाने से प्रतीत होता है की समिति को प्रकरण की जानकारी ही नही है। असपा की ओर से दिए गए पत्र में उनसे मांग की गयी की विषय की गंभीरता को समझते हुए वे अपने स्तर पर जाँच करें तथा आरोपी के खिलाफ पोक्सो (बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम) क़ानून के तहत मुकदमा पंजीकृत कराकर अध्यापक को उसके द्वारा किए गए घिनौने कृत्य की सजा दिलाई जाए। श्री भद्रदास ने प्रकरण पर जाँच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। पत्र जिलाधिकारी कार्यालय को भी भेजी गई है।

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