Ghaziabad : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित सीबीआई कोर्ट ने वर्ष 2006 में हुई मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए 10 पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया है। वर्ष 2006 में एटा जिले के सिढ़पुरा थाना क्षेत्र में एक बढ़ई की मौत हो गई थी। इस एनकाउंटर में 10 पुलिसकर्मी शामिल थे। सभी के खिलाफ हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने जांच की थी। जांच में पाया गया कि यह मुठभेड़ फर्जी थी। जिसके बाद सीबीआई कोर्ट ने इस पूरे मामले में शामिल पुलिसवालों को दोषी करार दिया है।
क्या है पूरा मामला
मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2006 में एटा जिले के सुनहेरा गांव में रहने वाले राजाराम बढ़ई की हत्या हो गई थी। पुलिसकर्मियों ने बताया था कि राजाराम ने एक डकैती डाली है। पुलिस जब राजाराम को पकड़ने गई तो उसने पुलिस पर जानलेवा हमला करना शुरू कर दिया। इसी दौरान एनकाउंटर में राजाराम की मौत हो गई। इस एनकाउंटर में 10 पुलिसकर्मी शामिल थे। इनमें से एक सीओ पवन सिंह पवन कुमार रिटायर हो चुके हैं, बाकी के 9 पुलिसकर्मी अलग-अलग जनपद में तैनात हैं।
हाईकोर्ट की टीम ने जांच की थी
एनकाउंटर के बाद राजाराम की पत्नी संतोष कुमारी ने स्थानीय पुलिस और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई थी, लेकिन किसी ने उनकी एक नहीं सुनी। जिसके बाद संतोष कुमारी हाईकोर्ट चली गई। हाईकोर्ट ने एक टीम का गठन किया। टीम ने पता लगाया कि राजाराम किस किस्म का व्यक्ति था और उस पर कितने मुकदमे दर्ज थे। हाईकोर्ट की टीम को पता चला कि राजाराम पर एक भी मुकदमा दर्ज नहीं था। उसका स्वभाव अच्छा था। जिसके बाद आगे की जांच हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट को दे दी। सीबीआई कोर्ट ने इस मुठभेड़ को फर्जी बताया और एनकाउंटर में शामिल 10 पुलिसकर्मियों को दोषी करार दे दिया।