Ghaziabad News : स्वास्थ्य विभाग हरियाणा की टीम ने गाजियाबाद में भ्रूण लिंग परीक्षण गैंग का भंडाफोड़ किया है। गैंग पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन के सहारे गाडी में यह गोरखधंधा करता था और ग्राहकों से मोटी रकम वसूलता था। बता दें कि भ्रूण में लिंग का परीक्षण करना संगीन अपराध की श्रेणी में आता है। डिकोय के सहारे यह कामयाबी हासिल की है। डिकोय के जरिए पहले भ्रूण लिंग परीक्षण के लिए सौदा कराया गया। बिचौलिया के जरिए सौदा 16 हजार रुपए में पटा। उसके बाद डिकोय ने गैंग को गाजियाबाद के संजयनगर का पता बताते हुए बुलाने का प्रयास किया गया लेकिन गैंग की बिचौलिया ने बताई गई लोकेशन पर आने से साफ इंकार कर दिया और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के नजदीक मटियाला गांव की पुलिया मिलने की बात तय हो गई।
पकड़ी गई बिचौलिया मीनाक्षी, सरगना फरार
डिकोय बताए गए स्थान पर पहुंची तो कुछ ही देर में गैंग की गाडी आकर रूकी। डिकोय ने बिचौलिया को 16 हजार रुपए का भुगतान किया और जांच कराने के लिए गाडी में सवार हो गई। इसी बीच सोनीपत, हरियाणा के एसीएमओ डा. सुमित कौशिक और डा. जितेंद्र की टीम ने मसूरी थाना पुलिस के सहयोग से छापा मारकर बिचौलिया से 16 हजार रुपए की नगदी बरामद कर बिचौलिया को गिरफ्तार कर लिया गया। बिचौलिया ने अपना नाम मीनाक्षी त्यागी उर्फ मीनू बताया है। हालांकि गैंग का सरगना एएम गौड़ मौके से गाडी लेकर फरार होने में कामयाब रहा।
मसूरी थाने में दर्ज हुआ मामला
गाजियाबाद के पीसीपीएनडीटी के नोडल अधिकारी डा. अनुराग संजोग ने बताया कि मसूरी थाने में पीसीपीएनडीटी के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है। उन्होंने बताया भ्रूण लिंग परीक्षण के गोरखधंधे में हरियाणा के गैंग सक्रिय रहते हैं। इससे पहले लोनी क्षेत्र में हरियाणा टीम कई बार छापा मारी करती रही है। दरअसल गैंग को दूसरे राज्य में आकर पकड़े जाने का खतरा कम रहता है। इस गैंग के ग्राहक भी अक्सर हरियाणा के ही होते हैं।
क्या होता है डिकोय
डिकोय फर्जी ग्राहक को कहते हैं। भ्रूण परीक्षण का भंडाफोड़ करने के लिए किसी महिला को डिकोय बनाकर उसी के जरिए गैंग से संपर्क कराया जाता है। डिकोय के जरिए पूरी सौदेबाजी कराई जाती है और जब गैंग को विश्वास हो जाता है कि कॉलर भ्रूण लिंग परीक्षण ही कराना चाहती है तो लोकेशन तय कर अपनी गाडी में अल्टासाउंड मशीन के साथ पहुंच जाती है।