दुहाई में बनेगा ग्रीन मेट्रो डिपो, कार्बन उत्सर्जन में सालाना 615 टन कमी आएगी, पढ़िए खास खबर

दिल्ली-मेरठ रैपिड एक्स : दुहाई में बनेगा ग्रीन मेट्रो डिपो, कार्बन उत्सर्जन में सालाना 615 टन कमी आएगी, पढ़िए खास खबर

दुहाई में बनेगा ग्रीन मेट्रो डिपो, कार्बन उत्सर्जन में सालाना 615 टन कमी आएगी, पढ़िए खास खबर

Tricity Today | विनय कुमार सिंह

Ghaziabad News : एनसीआर ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने दुहाई में स्थित आरआरटीएस (Delhi-Meerut RapidX) डिपो पहुंचे। डिपो में स्थापित एक अत्याधुनिक सोलर पावर प्लांट का उद्घाटन किया। इसके संचालन से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। सोलर पावर प्लांट की इंस्टॉल्ड कैपेसिटी 585 किलोवॉट है। जिसके लिए वर्कशॉप सहित डिपो की कई अन्य बिल्डिंग्स पर सौर पैनल इंस्टॉल किए गए हैं। यह सोलर पावर प्लांट 25 वर्षों के दौरान प्रति वर्ष लगभग 6,66,000 यूनिट सौर ऊर्जा उत्पन्न करेगा। इस प्लांट से अनुमानित तौर पर सालाना 615 टन कार्बन उत्सर्जन कम होने की उम्मीद है।

सौर ऊर्जा का परिचालन में होगा उपयोग
प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने कहा, "इस सोलर प्लांट से जिस मात्रा में सौर ऊर्जा उत्पादित होगी, वह न केवल डिपो की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगी, बल्कि उसके बाद अतिरिक्त उपलब्ध होगी। जिसका उपयोग अन्य आरआरटीएस परिचालनों में किया जा सकेगा। इस प्रयास से सौर ऊर्जा द्वारा संचालित दुहाई डिपो 'नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन' की उपलब्धि हासिल करके 'ग्रीन डिपो' बन जाएगा।"

NCRTC ने मार्च 2021में सोलर पॉलिसी अपनाई
राष्ट्रीय सौर मिशन के तहत स्वच्छ और हरित ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए एनसीआरटीसी ने मार्च 2021 में एक सोलर पॉलिसी अपनाई थी। इस पॉलिसी के अनुसार एनसीआरटीसी अक्षय ऊर्जा में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए अगले 5 वर्षों में स्टेशनों, डिपो और अन्य भवनों की छतों पर कम से कम 11 मेगावाट पीक इन-हाउस सौर ऊर्जा का उत्पादन करेगा। इसके अलावा नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए ऊर्जा मिश्रण को अनुकूलित करेगा।

कार्बन उत्सर्जन में 2.5 लाख टन कमी होगी
आरआरटीएस भारत सरकार और चार राज्य सरकारों दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान का संयुक्त उपक्रम है। जिसका मकसद दिल्ली-एनसीआर में भीड़भाड़ कम करने, वाहनों की भीड़ और वायु प्रदूषण को कम करने, संतुलित और सतत विकास को सक्षम बनाना है। यह लंबे समय की योजना का हिस्सा है। अनुमान है कि पहले वर्ष आरआरटीएस कॉरिडोर से एक लाख से अधिक वाहनों की भीड़ सड़कों से कम हो जाएगी। वाहनों से होने वाले कार्बन उत्सर्जन में 2.5 लाख टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड कम होगी। साथ ही वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।

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