Tricity Today | धरना स्थल खाली करवाने पहुंची दिल्ली पुलिस
Ghaziabad News : सुप्रीम कोर्ट का पालन करवाने के लिए दिल्ली पुलिस गाजीपुर में धरना दे रहे किसानों को हटाने पहुंची है। भारी पुलिस फोर्स मौके पर मौजूद है। राकेश टिकैत भी पुलिस के सामने डटे हुए हैं। राकेश टिकैत का कहना है कि नेशनल हाईवे को हमने नहीं रोक रखा है, नेशनल हाईवे को दिल्ली पुलिस ने रोक रखा है। दिल्ली पुलिस केवल हमसे सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानने के लिए कह रही है, जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन खुद दिल्ली पुलिस को करना चाहिए।
आपको बता दें कि पिछले करीब 11 महीने से भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान दिल्ली और उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हुए हैं। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका की सुनवाई करने के बाद आदेश दिया था। अदालत ने कहा कि किसान अपने आंदोलन के लिए आम आदमी को परेशान नहीं रख सकते हैं। कितने लंबे वक्त तक एक सार्वजनिक और बड़े रास्ते को रोककर रखना अवैधानिक है। सुप्रीम कोर्ट में सरकार, प्रशासन और पुलिस से समस्या का समाधान करने का आदेश दिया था। इसी आदेश का पालन करवाने के लिए दिल्ली पुलिस अब से करीब आधा घंटे पहले गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंची है। पुलिस ने किसानों से धरनास्थल खाली करने को कहा है।
रास्ता दिल्ली पुलिस ने रोका है, हम तो दिल्ली जाना चाहते हैं
दूसरी ओर इस बारे में राकेश टिकैत का कहना है कि हाईवे किसानों ने रोककर नहीं रखा है। दिल्ली पुलिस ने ही बैरिकेडिंग कर के नेशनल हाईवे को बंद कर रखा है। लिहाजा, सुप्रीम कोर्ट का पालन हमें नहीं दिल्ली पुलिस को करना है। दिल्ली पुलिस बैरिकेडिंग हटा ले। नेशनल हाईवे पर जो हमारा अस्थाई धरना स्थल चल रहा है, उसे हटा लिया जाएगा। हम आ गए दिल्ली चले जाएंगे।
किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए पुलिस ने रास्ता रोका
राकेश टिकैत ने ट्राईसिटी टुडे से बातचीत करते हुए कहा, "हम लोगों को रास्ता रोकने की कोई जरूरत नहीं थी। जब हम लोग यहां पहुंचे तो दिल्ली पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रास्ता रोक दिया था। मजबूर होकर हम लोगों को यहीं रुकना पड़ा और धरना नहीं चलने लगा। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए दिल्ली पुलिस बैरिकेडिंग हटा लेगी, हम दिल्ली चले जाएंगे। दिल्ली जाकर धरना देंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वतः पालन हो जाएगा। सही मायने में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन हमें नहीं दिल्ली पुलिस को करना है।"