रोक के बावजूद प्राधिकरण करा रहा सिटी क्लब का निर्माण, अवमानना का केस दर्ज होगा

बड़ी खबर: रोक के बावजूद प्राधिकरण करा रहा सिटी क्लब का निर्माण, अवमानना का केस दर्ज होगा

रोक के बावजूद प्राधिकरण करा रहा सिटी क्लब का निर्माण, अवमानना का केस दर्ज होगा

Google Image | Ghaziabad Development Authority

Ghaziabad : राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (National Green Tribunal-NGT) के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (Ghaziabad Development Authority) राजनगर में एक बार फिर सिटी क्लब बनाने की तैयारी में है। इसके साथ ही यह मामला फिर से तूल पकड़ने लगा है। दरअसल विकास प्राधिकरण पार्क की जमीन में सिटी क्लब बनाना चाहता था। जिस पर एनजीटी ने रोक लगा दी थी। लेकिन अब फिर से प्राधिकरण ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। 

दरअसल पार्क में सिटी क्लब बनाने पर रोक लगाते हुए एनजीटी ने इस पार्क और शहर की सभी ग्रीन बेल्ट को फिर से विकसित करने, पुराने रूप में लाने का आदेश यूपी के मुख्य सचिव को दिए थे। एनजीटी में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, नगर निगम, यूपीएसआईडीसी और यूपी सरकार को रिट में पार्टी बनाया गया था। आरोप था कि जीडीए राजनगर सेक्टर-7 में सिटी क्लब की बिल्डिंग का निर्माण कार्य कर रहा है। याची का कहना था कि किसी पार्क को उजाड़कर वहां इस तरह का निर्माण कार्य नहीं किया जा सकेगा। 

एनजीटी ने 28 अटूबर, 2016 को ऑर्डर पास किया। इसमें कहा गया कि जीडीए जो निर्माण कार्य कर रहा है उस पर रोक लगाई जाती है। बाद में एनजीटी ने इस प्रकरण में एक और आदेश जारी कर रिट को बंद कर दिया। आदेश में एनजीटी ने यह भी कहा कि जीडीए, नगर निगम और यूपीएसआईडीसी एरिया की जितनी भी ग्रीन बेल्ट है उसे यथास्थिति कर विकसित किया जाए। 

याची आकाश वशिष्ठ का आरोप है कि राजनगर सेक्टर-7 स्थित पार्क में जीडीए ने फिर से सिटी क्लब की बिल्डिंग के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि सिटी क्लब के निर्माण पर पहले से ही एनजीटी स्टे कर चुका है। इसके बाद भी अगर निर्माण कार्य जीडीए नहीं रोकेगा तो एनजीटी में फिर से रिट फाइल कर कोर्ट की अवमानना का केस दर्ज किया जाएगा। इस पर गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने अपना रुख साफ नहीं किया है।

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