मिलिए गाजियाबाद की इस नौकरानी से, जिसने मीठी-मीठी बातों में फंसाकर 200 परिवारों को लगाया लाखों का चूना

बड़ी खबर : मिलिए गाजियाबाद की इस नौकरानी से, जिसने मीठी-मीठी बातों में फंसाकर 200 परिवारों को लगाया लाखों का चूना

मिलिए गाजियाबाद की इस नौकरानी से, जिसने मीठी-मीठी बातों में फंसाकर 200 परिवारों को लगाया लाखों का चूना

Google Image | पुलिस ने नौकरानी को गिरफ्तार किया

Ghaziabad : गाजियाबाद पुलिस ने एटीएस सोसाइटी में हुई चोरी का पर्दाफाश करते हुए बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने चोरी के आरोपी पति-पत्नी को गिरफ्तार किया है। आरोपी दंपति अभी तक करीब 200 चोरी की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। वह सोने-चांदी की चीजों में लगे कीमती हीरे, पन्ने और मोती जैसी वस्तुओं को निकालकर नाले में फेंक देते थे और चोरी किए गए जवाहरातों को सुनार गुलशन को बेचते थे। पुलिस ने सुनार को भी गिरफ्तार कर लिया है। बड़ी बात यह है कि पहले यह चोरनी खुद नौकरी करती थी और बाद में कोई मजबूरी बताकर अपने पति को भी वहीं पर नौकरी पर लगवा लेती थी।

2016 से सक्रीय हैं गिरोह 
बंटी मूलरूप से बिहार के भागलपुर की रहने वाली है। गिरोह के अन्य सदस्य भी भागलपुर और पंजवारा बांका के रहने वाले हैं। यह गिरोह एनसीआर में चोरी की घटनाओं को अंजाम देता था। पुलिस ने गिरोह के मुख्य सदस्य गौतम शाह और बंटी को गिरफ्तार कर लिया है। गौतम और बंटी दोनों पति-पत्नी हैं। दोनों मिलकर चोरी की घटनाओं को अंजाम देते थे। गिरोह 2016 से सक्रीय हैं। वर्ष 2016 से अब तक यह गिरोह करीब 200 घटनाओं को अंजाम दे चुका है। 

घरेलू साहिका बनकर देती थी चोरी की घटनाओं को अंजाम 
पुलिस अध्यक्ष द्वितीय ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि एटीएस सोसाइटी में 28 जुलाई को बंटी विपुल गोयल के घर घरेलू साहिका बनने के लिए गई थी। कुछ समय बाद ही बंटी ने गौतम की बहन प्रीति के साथ मिलकर चोरी की घटना को अंजाम दिया। जिसके बाद वह दोनों ऑटो पकड़ कर मौके से फरार हो गई। बंटी और प्रीति दोनों घरेलू साहिका बनकर चोरी की घटनाओं को अंजाम देती थी। 

कीमती नगो को नाले में फेंक देती थी बंटी 
इंदिरापुरम थाना प्रभारी देव पाल सिंह पुंडीर ने बताया कि गिरोह की मदद एक महिला अधिवक्ता करती थी। वह चोरी किए गए गहनों से जो रकम प्राप्त होती थी उसमें से हिस्सा लेती थी। महिला अधिवक्ता आरोपियों की कानूनी मदद करती थी। गिरफ्तारी के बाद बंटी ने बताया कि ज्वेलरी में लगे हीरे, पन्ने, मोती और मूंगे निकाल कर नाले में फेंक देती थी।

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