किसान नेता राकेश टिकैत ने भरी हुंकार, बोले- 2024 तक करेंगे प्रदर्शन, आखिरी फैसला सरकार को लेना है

Farmers Protests : किसान नेता राकेश टिकैत ने भरी हुंकार, बोले- 2024 तक करेंगे प्रदर्शन, आखिरी फैसला सरकार को लेना है

किसान नेता राकेश टिकैत ने भरी हुंकार, बोले- 2024 तक करेंगे प्रदर्शन, आखिरी फैसला सरकार को लेना है

Google Image | किसान नेता राकेश टिकैत

केंद्र सरकार के 3 नए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन करीब पिछले 2 महीने से जारी है। हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं। अब तक केंद्र सरकार और करीब 40 किसान संगठनों के बीच 10 दौर की वार्ता हो चुकी है, पर इस कानून को लेकर बने गतिरोध को दूर नहीं किया जा सका है। किसान संगठन तीनों कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। जबकि केंद्र सरकार कानूनों में संशोधन के पक्ष में तर्क दे रही है। हालांकि किसान अपनी मांग से पीछे नहीं हट रहे हैं।

वहीं कुछ किसान संगठन केंद्र सरकार से इन कृषि कानूनों के फॉर्मूले की भी मांग कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत नोएडा सेक्टर-95 स्थित दलित प्रेरणा स्थल पर एक पंचायत के दौरान किसानों को संबोधित करते हुए यह बता रहे थे। राकेश टिकैत ने कहा कि नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर किसान पिछले करीब 54 दिनों से लगातार धरना-प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं। इस दौरान किसान संगठन और केंद्र सरकार के बीच लगातार बातचीत चल रही है। अगर केंद्र सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती है, तो यह आंदोलन काफी लम्बा चलेगा। 

किसान नेता ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों को लागू करने से पहले ही गोदाम बना दिया गया है। जिसके चलते देश में कालाबाजारी बढऩे की पूरी संभावना है। इसके साथ ही किसानों को अब दो मवेशी रखने पर कमर्शियल कनेक्शन भी लेना होगा। जिन किसानों के पास दो मवेशी रखने पर कमर्शियल कनेक्शन नहीं होगा, उन सभी किसानों पर सरकार कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि अगर यह तीनों कृषि कानून लागू हो जाते हैं, तो भविष्य में साप्ताहिक बाजार बंद हो जाएंगे। इन साप्ताहिक बाजार की जगह वॉल मार्ट ले लेगा। जिससे सबसे ज्यादा नुकसान छोटे दुकानदार, आम आदमी और मजदूरों को होगा।

बातचीत को लाइव दिखाए सरकार
राकेश टिकैत ने बताया कि बैठक के दौरान विभिन्न किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के साथ होने वाली वार्ता को लाइव दिखाने की भी मांग की है। कई किसान संगठनों ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा है कि जिस प्रकार संसद में होनी वाली बहस को लाइव दिखाया जाता है। उसी तरह किसान संगठनों और सरकार के बीच होने वाली बातचीत को भी लाइव दिखाया जाए। इससे देश के सभी नागरिकों को किसान संगठनों के साथ हुई वार्ता की पूरी जानकारी मिल सकेगी। किसान नेता ने बताया कि सरकार ने कुछ महीनों पहले बिजली के लिए थानों की घोषणा की थी। इस घोषणा के बाद उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बिजली थानों को खोल दिया गया। उसी तरह सरकार बीज के लिए भी थानों को खोलने की योजना तैयार कर रही है।

किसानों का प्रदर्शन 2024 तक चलेगा
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बताया कि केंद्र सरकार ने किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया तो किसान 2024 तक इन कृषि कानूनों को लेकर शांतिपूर्वक तरीके से धरना प्रदर्शन करते रहेंगे। यह सरकार को तय करना है कि वह किसानों की मांगों को पूरा करेगी या नहीं। अगर सरकार किसानों के लिए समर्पित है, तो हमारी मांगों को पूरा करने में हिचक नहीं दिखाना चाहिए।

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