किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली, पीएम और सीएम को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा

Ghaziabad News : किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली, पीएम और सीएम को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा

किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली, पीएम और सीएम को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा

Tricity Today | किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली

Ghaziabad News : किसानों ने आज अपनी मांगों को लेकर गाजियाबाद में ट्रैक्टर रैली निकाली। यह रैली वेब सिटी से कलेक्ट्रेट तक निकाली गई। रैली को भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के नेतृत्व में निकाला गया। किसान नेताओं ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।  

क्या है पूरा मामला
किसानों की देश, प्रदेश और जिलों की विभिन्न समस्याओं के निवारण करने और बाढ़ प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ 30 हजार रुपये मुआवजा देने, बोरवेल की क्षतिपूर्ति के लिए दो लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के जिलाध्यक्ष भरत यादव व राष्ट्रीय महासचिव मास्टर मनोज नागर के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में किसान ट्रैक्टर रैली के जरिए कलेक्ट्रेट पहुंचे। वहां पर पीएम और सीएम योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।  

ये हैं किसानों की मुख्य मांगें 
किसानों ने गन्ने व पॉपुलर की फसल का अचित मुआवजा देने की मांग की। इसके अलावा एमएसपी पर फसल खरीद गारंटी कानून बनाने, किसान मजदूर का समूल कर्ज माफ करने, सड़कों को गड्ढा मुक्त करने, गन्ने का मूल्य 450 प्रति कुंतल करने, बकाया गन्ना भुगतान करने की मांग की गई। इसके अलावा गन्ने का बकाया भुगतान न करने वाली मिलों की आपूर्ति रोककर भुगतान करने वाली मिलों को आपूर्ति सुनिश्चित करने, किसान की उतनी ही जमीन बंधक की जाए जितने पर कर्ज दिया गया हो तथा कुछ कर्ज देने की एवज में सारी जमीन बंधक न करने की मांग की गई। 

तेलंगाना सरकार की तर्ज पर मिले अनुदान
किसानों का कहना था कि तेलंगाना सरकार की तर्ज पर 12 हजार रुपये प्रति एकड़ वार्षिक अनुदान दिया जाए। जिन परिवारों की वार्षिक आय 6 लाख से कम है, उनके मुखिया का 10 लाख रुपए का बीमा कराया जाए। वाहनों की उम्र किलोमीटर के हिसाब से की जाए ना कि 10 साल या 15 साल के हिसाब से। देश में बेरोजगारी दूर करने के लिए हर बेरोजगार युवक को 5 लाख की आर्थिक मदद की जाए, ताकि वह युवा अपना काम कर सके और अपने परिवार का भरण पोषण कर सके। गाजियाबाद के मोदीनगर शहर में रह रही लगभग 100 वर्षों से किसान एवं मजदूरों की आबादी को उनकी संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित न कर उनकी निजी संपत्ति करार दिया जाए।

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