गाजीपुर बॉर्डर से पहला जत्था बिजनौर के लिए रवाना, हजारों किसानों की आंखें हुई नम, जानिए क्या थी आंसू की वजह

किसान आंदोलन : गाजीपुर बॉर्डर से पहला जत्था बिजनौर के लिए रवाना, हजारों किसानों की आंखें हुई नम, जानिए क्या थी आंसू की वजह

गाजीपुर बॉर्डर से पहला जत्था बिजनौर के लिए रवाना, हजारों किसानों की आंखें हुई नम, जानिए क्या थी आंसू की वजह

Google Image | गाजीपुर बॉर्डर

Ghaziabad News : कृषि कानून वापसी की मांग पूरी होने के बाद दिल्ली से सटे गाजियाबाद के यूपी गेट गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों की वापसी का सिलसिला शुरू हो चुका है। आज (शनिवार) पहला जत्था बिजनौर के लिए रवाना हो चुका है। बिजनौर के किसानों की रवानगी के बाद अब तराई क्षेत्र के किसान घर वापसी करेंगे और जब सभी लोगों की वापसी हो जाएगी तो 15 दिसम्बर को किसान नेता राकेश टिकैत के साथ आखिरी जत्था मुजफ्फरनगर के लिए रवाना होगा। आज से दिल्ली आवागमन के लिए एक सड़क खाली कर दी जाएगी, जबकि 15 दिसम्बर तक बॉर्डर पूरी तरह से खाली हो जाएगा।

13 महीने 5 दिन तक चला आंदोलन
गाजियाबाद के यूपी गेट गाजीपुर बॉर्डर पर तीन कृषि कानून की वापसी की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान करीब 13 महीने 5 दिन से लगातार बीच सड़क पर बैठकर ही आंदोलन कर रहे थे। इस दौरान जिन लोगों का दिल्ली आना-जाना रहता है। उन लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था लेकिन अब कृषि कानून वापस होने के बाद किसानों ने घर वापसी शुरू कर दी है। घर वापसी कर रहे किसानों का कहना है कि उनके अंदर एक तरफ बेहद खुशी है। वहीं दूसरी तरफ बहुत से ऐसे साथी हैं जो 1 साल से साथ में रह रहे हैं।खाना-पीना, रहना -सहना और अपने दुख-सुख की बात करते थे लेकिन अब सब अपने अपने घर वापस जा रहे हैं। तो आपस में भी छोड़ने का कहीं ना कहीं दर्द भी है।

किसान हुए भावुक
किसानों का पहला जत्था राकेश टिकैत किसानों के नेता ने स्वयं रवाना किया। बिजनौर के लिए  पहला ट्रैक्टर रवाना हुआ है। किसानों की आंखों में आंसू भी हैं और बिछुड़ने का गम भी हैं। करीब एक वर्ष तक किसानों के ट्रैक्टर यहां पर मौजूद रहे। इस दौरान दूर-दूर के किसान आपस में मिलकर रहते थे। सरकार तक बात पहुंचाने के लिए हर एक्टिविटी में सभी किसान एक साथ चलते थे। 

आज से ट्रैक्टर हुए रवाना
कृषि कानून की वापसी होने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद 11 दिसंबर से घर वापसी की घोषणा की। जिसके चलते आज यह ट्रैक्टर रवाना हो रहा है। घर वापसी कर रहे किसान भावुक भी हो रहे हैं। भावुकता के पल कैमरों में कैद हो रहे हैं। एक परिवार की तरह एक रिश्ता बन गया था।

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