Ghaziabad : जिले के 14 नामी गिरामी अस्पताल ऐसे है जिनके द्वारा अस्पतालों से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट के निस्तारण किस स्थान पर किया जाता है, इसका रिकार्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर नहीं है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ये भी स्पष्ट नहीं कर रहा है कि किस अस्पताल प्रबंधन के द्वारा अस्पताल परिसर में वायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण का प्लांट स्थापित करते हुए विधिवत संचालन किया जा रहा है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा रिकार्ड उपलब्ध कराने के मामले में हाथ खडे किए जाने पर पर्यावरण विद सुशील राघव ने पर्यावरण मंत्रालय एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव के द्वार को खटखटाया है तथा संबंधित अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने का अनुरोध किया है। श्री राघव की मानें तो उनके द्वारा एक आरटीआई के माध्यम से क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से ये जानने का प्रयास किया कि किस किस अस्पताल को विभाग के द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र दिए गए है,लेकिन विभाग किसी तरह का रिकाड उपलब्ध नहीं करा पाया।
श्री राघव ने वैशाली स्थित मीनाक्षी अस्पताल,यशोदा अस्पताल कौशांबी, मैक्स अस्पताल वैशाली,फलोर्स अस्पताल प्रताप विहार,अटलांटा अस्पताल वसुंधरा गाजियाबाद, ले क्रस्ट अस्पताल वसुंधरा, संतोष मेडिकल कालेज प्रताप विहार, आरोग्य अस्पताल वैशाली,आदिति अस्पताल वैशाली, पारस अस्पताल वैशाली,क्लियर मेडडी अस्पताल वसुंधरा, वसुंधरा अस्पताल अम्बेडकर रोड का लेटर में उल्लेख किया है।
श्री राघव ने कहा कि देश की सबसे बडी अदालत सुप्रीम कोर्ट के द्वारा अस्पतालों से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की दिशा में उठाए जा रहे कदमों पर बाकायदा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी हासिल करने की व्यवस्था की गई है। जबकि गाजियाबाद पिछले कई सालों में प्रदूषण के मामले में देश में पहले स्थान पर चल रहा है। श्री राघव ने कहा कि याचिका तैयार करा ली गई है, जल्द एनजीटी की शरण ली जाएगी।