गाजियाबाद प्रशासन ने 200 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की मांग की, संक्रमित मरीजों के इलाज में है बेहद कारगर

बड़ी खबरः गाजियाबाद प्रशासन ने 200 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की मांग की, संक्रमित मरीजों के इलाज में है बेहद कारगर

गाजियाबाद प्रशासन ने 200 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की मांग की, संक्रमित मरीजों के इलाज में है बेहद कारगर

Tricity Today | कार्यवाहक जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश

कोरोना संक्रमण का दंश झेल रहे गाजियाबाद को अब थोड़ी राहत मिलने वाली है। जिले में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए बड़े कदम उठाए गए हैं। हालांकि अब तक मरीजों की भारी संख्या के सामने सभी स्वास्थ्य सुविधाएं बेदम दिखाई दे रही हैं। लेकिन जनपद में ऑक्सीजन की भारी कमी के चलते अब जल्द ही 200 ऑक्सीजनन कंसंट्रेटर मिल जाएंगे। इससे मरीजों को बड़ी राहत मिल सकेगी। कार्यवाहक जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन की वजह से परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके लिए 200 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की मांग की गई है। 

कार्यभार ग्रहण करने के बाद जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने स्वास्थ्य विभाग, पुलिस-प्रशासन समेत अन्य विभाग के अधिकारियों के साथ जीडीए में बैठक की। उन्होंने जरूरतमंदों को उपचार और आक्सीजन मुहैया कराना पहली प्राथमिकता बताया। सभी अधिकारियों को आदेश दिया कि इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। उन्होंने बताया कि जिले में मरीजों को ऑक्सीजन की कमी के चलते कोई तकलीफ न हो। इस लिए 200 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की मांग की गई है। उम्मीद है कि शासन से जल्द यह मांग पूरी हो जाएगी। इससे मरीजों को राहत मिलेगी। हर संक्रमित को ऑक्सजीन मिल सकेगी। इसकी किल्लत खत्म हो जाएगी। 

कैसे काम करता है कंसंट्रेटर
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर चलता-फिरता ऑक्सीजन प्लांट हैं। मशीन हवा से सीधे ऑक्सीजन लेकर उसे फिल्टर करती है। इसके उपयोग से मरीज का सेचुरेशन लेवल ठीक रहता है। कोरोना संक्रमित मरीजों में यह सेचुरेशन लेवल नीचे आने से ही परेशानी बढ़ जाती है। यह पोर्टेबल मशीन है। घर और गाड़ी में इसे रखने के साथ-साथ पीठ पर लटका सकते हैं। जहां धूल-कण की मात्रा अधिक होती है, वहां इसे लंबे समय तक रखना ठीक नहीं होता है।

कालाबाजारी पर लगाएं लगाम 
जिले में ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने के कई मामले सामने आए हैं। इसको लेकर कार्यवाहक जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश ने अधिकारियों को सख्त आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि इस पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए। पुलिस-प्रशासन की टीम तत्काल मौके पर पहुंचकर जांच करे। जांच में सूचना सही पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। दोषी चाहे कोई भी हों, उन्हें बख्शा न जाए।

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