सचिव पद को लेकर स्थिति बड़ी अजीबोगरीब, हरेंद्र रविवार को भी धरने पर रहे

गाजियाबाद बार एसोसिएशन चुनाव : सचिव पद को लेकर स्थिति बड़ी अजीबोगरीब, हरेंद्र रविवार को भी धरने पर रहे

सचिव पद को लेकर स्थिति बड़ी अजीबोगरीब, हरेंद्र रविवार को भी धरने पर रहे

Tricity Today | रविवार को धरने पर एडवोकेट हरेंद्र गौतम और उनके समर्थक

Ghaziabad News : एक ओर जहां चुनाव संयोजक और निवर्तमान सचिव स्नेह त्यागी ने तीनो सचिव पद प्रत्याशियों की सहमति के बाद 25 जुलाई को पुनः मतदान की घोषणा की, वहीं सबसे अधिक 892 मत पाने वाले एडवोकेट हरेंद्र गौतम का धरना रविवार को भी जारी रहा । मजेदार बात यह रही कि सचिव पद के पुनः मतदान का कार्यक्रम बार ‌एसोसिएशन के लेटर हैड पर एडवोकेट स्नेह त्यागी और कार्यकारी अध्यक्ष मृदुला राय त्यागी के हस्ताक्षर से जारी पत्र के साथ ही एक ओर हस्तलिखित कागज सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, उस पर भी कार्यकारी अध्यक्ष मृदुला राय त्यागी के हस्ताक्षर हैं। यह हस्तलिखित पत्र अधिवक्ताओं को संबोधित है, जिसमें कहा गया है कि उन्हें पुनः मतदान कार्यक्रम जारी होने के विषय में कोई जानकारी नहीं है। पत्र में यह‌ भी कहा गया है कि हरेंद्र गौतम चुनाव में सचिव पद पर विजयी हुए थे लेकिन उन्हें उनके नाम की घोषणा नहीं करने दी गई। हालांकि मृदुला राय त्यागी ने इस विषय में कुछ कहने से मना कर दिया, उन्होंने दोनों ही पत्र जारी करने से इंकार किया है।

मतगणना में दो बैलट अधिक मिलने से उलझन
बता दें कि शनिवार की सुबह सचिव पद पर तीन प्रत्याशियों को मिले मतों की घोषणा की गई थी, लेकिन विजयी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई। सचिव पद के लिए तीन प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे सबसे ज्यादा 892 वोट हरेंद्र गौतम को और उनके बाद 891 वोट अमित नेहरा को मिले थे। वरुण त्यागी 754 वोट पाकर तीसर नंबर पर रहे थे। इसके अलावा 18 वोट निरस्त कर दिए गए थे। लेकिन विवार इस बात पर गहरा गया कि मतदान के समय कुल  2,553 वोट पड़े थे लेकिन मतगणना के दौरा कुल 2,555 बैलट ‌निकले थे। इन दो वोटों के फेर ने ही मामला इतना उलझा दिया। 

बार काउंसिल को भेजी शिकायत
हरेंद्र गौतम रविवार को भी बार सभागार के बाहर धरने पर बैठे रहे। उनका का कहना है कि मामले में बार काउंसलिंग उत्तर प्रदेश और बार काउंसिल ऑफ इंडिया को पत्र भेजकर पूरे मामले की शिकायत की गई है। सर्वाधिक वोट पाकर वह विजयी रहे हैं, उन्होंने दावा किया है कि आसपास के जनपदों के अधिवक्ता भी उनके समर्थन में हैं।

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