दिल्ली के कनॉट पैलेस और लखनऊ के हजरतगंज की तर्ज पर पायल प्रोजेक्ट के रूप में शहर का एक बाजार भी एक ही रंग की थीम पर नजर आएंगे। मेरठ मंडल के मंडलायुक्त एवं जीडीए चेयरमैन सुरेंद्र सिंह ने जीडीए की बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को पास किया गया। जीडीए बोर्ड बैठक में शहर में (मुख्य मार्गों से सटे भवनों के अनुरक्षण व मरम्मत) उपविधि-2021 में आंशिक संशोधन के साथ स्वीकार कर लिया है। ऐसे में सबसे पहले महानगर के मुख्य बाजारों को एक कलर थीम में विकसित किया जाएगा।
मंडलायुक्त ने शहर में एक बाजार को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चिन्हित करने के लिए डीएम, जीडीए उपाध्यक्ष एवं नगर आयुक्त की एक कमेटी बनाई है। कमेटी द्वारा शहर में आरडीसी, आंबेडकर रोड समेत अन्य प्रमुख बाजार में से किसी एक का चयन करेगी। इसके बाद बाजार की सभी दुकानों का एक ही रंग,बोर्ड,बाजार के आगे की रेलिंग, स्ट्रीट लाइट, डस्टबिन एक रंग में रंगी नजर आएंगी। इस संबंध में अगली जीडीए बोर्ड बैठक में रिपोर्ट देनी होगी।
वहीं, जीडीए की इंदिरापुरम,वैशाली और कौशांबी कॉलोनी को छोड़कर शहर के अन्य क्षेत्रों में जीडीए की संपत्तियों के सेक्टर रेट मार्च- 2022 तक फ्रीज किए गए है। मगर जीडीए ने लॉटरी और नीलामी के जरिए बेची जाने वाली 744 आवासीय, ग्रुप हाउसिंग और व्यावसायिक संपत्तियों के रेट फ्रीज के मामले में मंडलायुक्त ने विभिन्न योजनाओं में भवनों के सेक्टर रेट फ्रीज करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। जबकि योजनाओं में भूखंडों के सेक्टर रेट एवं जिलाधिकारी सर्किल रेट के अनुसार चार्ज लिए जाएंगे। ऐसे में भूखंड आवंटित होने पर 10 प्रतिशत लीज रेंट और 2 प्रतिशत फ्री-होल्ड चार्ज अतिरिक्त आवंटियों को देना होगा।
बोर्ड बैठक में भवन एवं भूखंड आवंटियों को ब्याज की किस्त दरों में एकरूपता लाने और ब्याज में दो फीसद की छूट देने संबंधी प्रस्ताव पास हो गया। प्रदेश शासन ने फरवरी में किस्तों की ब्याज दर में दो साल तक दो फीसदी की छूट का प्रावधान किया था। बोर्ड बैठक में मंजूरी होने के बाद अब शहर में आवासीय, व्यावसायिक, गु्रप हाउसिंग और औद्योगिक भूखंड करीब 8 हजार आवंटियों को अब इसका लाभ मिल सकेगा। ऐसे में औद्योगिक भूखंडों की किस्त में आवंटियों को 11 फीसदी ब्याज की जगह अब 9 फीसद ब्याज किस्तों पर देना होगा।