आरटीई के दाखिलों को लेकर बीएसए से मिला पेरेंट्स एसोसिएशन, धरने की दी चेतावनी 

Ghaziabad News : आरटीई के दाखिलों को लेकर बीएसए से मिला पेरेंट्स एसोसिएशन, धरने की दी चेतावनी 

आरटीई के दाखिलों को लेकर बीएसए से मिला पेरेंट्स एसोसिएशन, धरने की दी चेतावनी 

Tricity Today | जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा।

Ghaziabad News : गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीई) के तहत चयनित अलाभित समूह, दुर्बल वर्ग के बच्चों को दाखिले से वंचित करने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द करने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के उपलब्ध न होने के कारण बीएसए से फोन पर वार्ता की गई और सभी बच्चों के दाखिले सुनिश्चित करने के लिये कहा गया। इस पर उन्होंने कहा कि वो तीन बाद आकर सभी चयनित बच्चों के दाखिले सुनिश्चित कराएंगे।

निजी स्कूलों पर कठोर कार्रवाई की मांग
एसोसिएशन के साथ अभिभावक जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। वहां अपर जिला अधिकारी रणविजय सिंह को सारा प्रकरण विस्तार से समझाया एवं उन्हें ज्ञापन की एक कॉपी दी गई।उन्होंने बच्चों के दाखिले कराने का आश्वसन दिया। गाजियाबाद पैरेंट्स एसोसिएशन के सचिव अनिल सिंह और उपाध्यक्ष पवन शर्मा ने बताया कि 05 जुलाई को महानिदेशक स्कूल शिक्षा लखनऊ द्वारा जिले के बीएसए को शत प्रतिशत आरटीई के दाखिले सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए थे। उसके बाद भी अभी तक पैटेंट्स अपने बच्चों के दाखिलों के लिए स्कूल और अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। शासन के पत्र की समय सीमा बीत जाने के बाद भी दाखिला नहीं लेने वाले स्कूलों पर बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।

स्कूल में सीटें होने का दावा
जीपीए के आरटीई प्रभारी धर्मेंद्र यादव और नवीन राठौर ने बताया कि आरटीई के अंतर्गत चयनित बच्चों को परेशान करने और दाखिला नहीं देने के लिए स्कूलों द्वारा पैरेंट्स के घर स्टाफ भेजकर वेरीफिकेशन कराया जा रहा है। अनावश्यक कागजात मांग कर परेशान किया जा रहा है। कुछ स्कूल तो ऐसे हैं, जिन्होंने साफ बोल दिया कि बीएसए कार्यालय से उनके पास आरटीई के चयनित बच्चों की कोई सूची ही नहीं आई है। कुछ स्कूलों का कहना है कि हमारे यहां सीटें फुल हो गई हैं। जबकि शिक्षा निदेशक (बेसिक) द्वारा जनवरी में सभी बीएसए को भेजे गये पत्र में साफ साफ निर्देश दिए गए हैं कि उपरोक्त बिंदुओं के तहत पैरेंट्स को परेशान करना आरटीई अधिनियम 2009 का उल्लंघन है। पत्र में यह भी कहा गया है कि आरटीई के दाखिलों को लेकर शासन और विभाग के आदेशों का उल्लंघन करने पर स्कूलों की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई की जा सकती है।

पिछले वर्ष भी लगभग 1800 बच्चे वंचित रह गए थे
पिछले वर्ष भी लगभग 1800 बच्चे दाखिलों से वंचित रह गये थे। इस बार भी यह संख्या बड़ी है। अधिनियम की निजी स्कूलों द्वारा खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। चालू सत्र में अब तक शासन अथवा शिक्षाधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने मांग की है कि आरटीई के दाखिले नहीं लेने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। जिससे जिले का कोई भी स्कूल बच्चे को आरटीई के दाखिले से वंचित करने की हिम्मत न कर सके। इस मौके पर धर्मेंद्र यादव, पवन शर्मा, जसवीर रावत, नरेश कुमार, नवीन राठौर, चंद्र प्रकाश, मनमोहन सिंह, संजय मिश्रा, कौशलेंद्र सिंह, राजू सैफी, अश्वनी तोमर, प्रदीप कुमार, यश रावत, चंद्रपाल, अनिल कुमार सिंह, श्याम चौधरी, शायरा, नंदनी, आदि उपस्थित रहे।

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