गाजियाबाद का पार्किंग सिस्टम होगी स्मार्ट, मोबाइल एप बता देगा गाड़ी खड़ी हो सकेगी या नहीं

अच्छी खबर : गाजियाबाद का पार्किंग सिस्टम होगी स्मार्ट, मोबाइल एप बता देगा गाड़ी खड़ी हो सकेगी या नहीं

गाजियाबाद का पार्किंग सिस्टम होगी स्मार्ट, मोबाइल एप बता देगा गाड़ी खड़ी हो सकेगी या नहीं

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Ghaziabad : दिल्ली की तर्ज पर अब गाजियाबाद की वाहन पार्किंग भी स्मार्ट होंगी। नगर निगम स्मार्ट इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट पार्किंग सिस्टम लागू करेगा। इसके माध्यम से पूरे शहर की पार्किंग को मोबाइल एप के जरिए जोड़ दिया जाएगा। इसके लागू होने के बाद अगर आपको शहर में किसी स्थान पर जाना है तो मोबाइल एप पर पहले ही पता लगा पाएंगे कि वहां गाड़ी खड़ी करने के लिए जगह उपलब्ध है या नहीं। निगम अधिकारी इस प्रोजेक्ट के प्रस्ताव को शुक्रवार को कार्यकारिणी समिति की बैठक में पेश करेंगे।

ठेका लेने में ठेकेदार ही नहीं दिखाते दिलचस्पी 
फिलहाल शहर में पार्किंग और नो पार्किंग जोन नहीं बनाए गए हैं। नगर निगम का पार्किंग विभाग सड़कों के किनारे पार्किंग ठेके छोड़ता है। मालवाहक वाहनों, ऑटो-टेंपों और छोटे वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग ठेके छोड़े जाते हैं। इनमें से कई पार्किंग स्टैंड के लिए ठेका लेने में ठेकेदार दिलचस्पी ही नहीं दिखाते। फिलहाल शहर में पार्किंग अव्यवस्थित है। नगर निगम ने पूरे क्षेत्र में पार्किंग का सिर्फ एक ठेका देकर सभी स्टैंड को डिजिटल तौर पर एकीकृत करने की प्लानिंग कर रहा है। इसके तहत सभी पार्किंग स्टैंड की जानकारी मोबाइल एप पर होगी। 

पार्किंग स्टैंड की मॉनीटरिंग कर पाएंगे ऑनलाइन 
इस एप के माध्यम से लोगों को पार्किंग स्लॉट, शुल्क और पार्किंग में जगह की उपलब्धता का नोटिफिकेशन भी मिलेगा। नगर निगम के अधिकारी भी इन पार्किंग स्टैंड की मॉनीटरिंग ऑनलाइन कर पाएंगे। सभी पार्किंग स्टैंड पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। दो सत्रों में होने वाली नगर निगम की इस कार्यकारिणी समिति की बैठक के पहले सत्र में बजट पास होने के बाद दूसरे सत्र में विकास और निगम की आय बढ़ाने के प्रस्तावों पर मंथन होगा। सर्किल रेट के आधार पर गृहकर तय करने का प्रस्ताव भी इस बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। इस पर विपक्षी दलों के पार्षद विरोध कर सकते हैं। 

महापौर और नगरायुक्त को भेजी शिकायत 
कांग्रेस पार्षद मनोज चौधरी ने गृहकर को सर्किल रेट के आधार पर लागू किए जाने का विरोध किया है। उन्होंने महापौर और नगरायुक्त को शिकायत भी भेज दी है। इसके अलावा राजस्व वसूली के लिए कांट्रेक्ट पर कर्मचारियों की तैनाती किए जाने, केबल ऑपरेटरों को लाइसेंस शुल्क के दायरे में लाने, नवनिर्मित ऑडिटोरियम और रमतेराम रोड कांप्लेक्स को लीज पर देने और करीब 250 विकास कार्यों पर भी चर्चा होगी।

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